प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के विरुद्ध चल रहे दो मुकदमे और उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता के खिलाफ कायम एक मुकदमे में आरोप तय हो गया है।
गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में फैसला सुनाया। कोर्ट ने लोक अभियोजक राजेश कुमार गुप्ता व मंत्री के अधिवक्ता के तर्कों को सुनकर और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर यह आदेश दिया। हालांकि दोनों आरोपितों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इन्कार किया और उसका परीक्षण कराने की मांग की।
इस पर कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को गवाहों को अदालत में पेश करने के लिए कहा। मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी के खिलाफ पहला मुकदमा तीन मई वर्ष 2014 को मुट्ठीुगंज थाने में जितेंद्र हेला ने दर्ज कराया था। उस वक्त नंदी कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। आरोप है कि तीन मई की रात साढ़े आठ बजे कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय नंद गोपाल गुप्ता व कमल गुप्ता, पार्षद नीरज, पार्षद निजामुद्दीन समेत अन्य लोग मौजूद थे।
इसी दौरान सपा नेता रेवती रमण की सभा में शामिल होने जा रहे सपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के झंडे लगे डंडे से मारा पीटा गया। सपा के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जितेंद्र हेला का कालर पकड़कर जान से मारने की धमकी दी गई थी। घटना के बाद जितेंद्र ने सभी के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। अब कोर्ट ने इसी मुकदमे में सभी के खिलाफ आरोप तय किया है।
दूसरा मुकदमा कोतवाली थाने में सात जुलाई 2012 को मंत्री नंदी व मेयर अभिलाषा गुप्ता के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में लिखा गया था।
जिला मजिस्ट्रेट की ओर से विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बावजूद मंत्री नंदी व मेयर ने संयुक्त रूप से सुलाकी चौराहे के पास विजय जुलूस निकाला था।