वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को हुई लंबी सुनवाई के बाद सिविल जज सीनियर डिविजन फास्टट्रैक की अदालत में फैसला सुरक्षित किया गया है. पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में कोर्ट अब 8 अप्रैल को फैसला सुनाएगा.
दिसंबर 2019 में, अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज की अदालत में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से एक आवेदन दायर किया था. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया गया था. उन्होंने स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर के ‘वाद मित्र’ के रूप में याचिका दायर की थी. बाद में, जनवरी 2020 में, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने ज्ञानवापी मस्जिद और परिसर का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण कराए जाने की मांग पर प्रतिवाद दाखिल किया था.
बता दें कि 1991 से चल रहे वाराणसी कचहरी में काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी के सिविल जज सिनीयर डिविजन फास्टट्रैक कोर्ट की अदालत में पिछली तारीख पर ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य और प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने नया पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था.