जम्मू-कश्मीर को लेकर ‘बड़ी’ सियासी हलचल, 24 जून को PM मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

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जम्मू-कश्मीर की सियासत एक बार फिर करवट ले सकती है. जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों की एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र के कई नेता भी शामिल हो सकते हैं. इस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है.

अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के करीब दो साल बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र की ओर ये पहली बड़ी पहल मानी जा रही है. इस मीटिंग में जम्मू और कश्मीर दोनों ही क्षेत्रों के नेताओं को बुलाया गया है.

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, केंद्र ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को मीटिंग में आमंत्रित किया है. ऑल पार्टी मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है.

महबूबा बोलीं- मीटिंग में जाने का अभी फैसला नहीं लिया
महबूबा मुफ्ती ने पुष्टि की है कि 24 जून को होने वाली मीटिंग के लिए उनके पास फोन आया था. उन्होंने कहा “मीटिंग में जाने का मैंने अभी फैसला नहीं किया है. मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से चर्चा करके आखिरी फैसला लूंगी.”

वहीं, सीपीएम नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (PAGD) के प्रवक्ता एमवाय तारीगामी ने बाया कि उनके पास अभी तक दिल्ली से कोई फोन नहीं आया है, लेकिन अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने केंद्र के साथ एंगेजमेंट के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं. हालांकि, मुझे मीटिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा होता है तो इसका स्वागत किया जाएगा.”

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था. इसके बाद राज्य की कई पार्टियों ने मिलकर पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (PAGD) बनाया था. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी पार्टियां भी शामिल हैं.

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा, “मैं स्वागत करता हूं, अगर और कभी बातचीत होती है. जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है.” उन्होंने आगे कहा, “देर आए, दुरुस्त आए, क्योंकि हमारी सभी समस्याओं को समाधान दिल्ली के पास है और कहीं नहीं है.”

इससे पहले शाह ने भी की थी मीटिंग
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के निदेशक अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल, CRPF के डायरेक्टर जनरल कुलदीप सिंह और जम्मू और कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह शामिल हुए थे.

(भाषा इनपुट से)

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