मानकों से ज़्यादा स्कूलों की फीस के विरोध में वकील और अभिभावक एकजुट।

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राकेश कुमार दुबे पूर्व मंत्री जिला अधिवक्ता संघ , प्रयागराज के नेतृत्व में, एवं निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी तरीके से फीस वसूली के विरोध के आंदोलन में अध्यक्षता करने वाले अधिवक्ता प्रशांत कुमार शुक्ल जी बहुत सारे अधिवक्ताओं एवं अभिभावकों के साथ जिलाधिकारी प्रयागराज के साथ दिन के 11:30 बजे एक बैठक सम्पन्न हुई जिसमें जिलाधिकारी द्वारा राज्य सरकार द्वारा फीस के संदर्भ में जारी किए गए शासनादेश को 10 अगस्त के अंदर अनुपालन निश्चित रूप से सुनिश्चित करवाने का आश्वासन दिया गया , और जिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा कहां गया की सत्र 2017 -2018 से सत्र 2021-22 तक सभी निजी विद्यालयों से फीस का ब्यौरा प्राप्त हो चुका है और कुछ विद्यालयों से फीस का विवरण नहीं मिला है और जिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा कहा गया कि 10 अगस्त के अंदर संबंधित अधिकारियों को बुलाकर और जिला प्रयागराज के समस्त निजी / स्वतंत्र विद्यालयों के प्रबंधकों /प्रधानाचार्य को बुलाकर मीटिंग आहूत की जाएगी तब तत्काल प्रभाव से फीस निर्धारित करते हुए ऐसे विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी इसलिए जिलाधिकारी महोदय के आश्वासन को वरीयता देते हुए हम सभी अभिभावक एवम अधिवक्ताओं ने 2 अगस्त से प्रारंभ होने वाले आमरण अनशन को कुछ दिनों तक स्थगित कर दिया है, और यदि 10 अगस्त तक निजी विद्यालयो की फीस के संदर्भ में जिलाधिकारी महोदय द्वारा उचित आदेश जारी नही किया जाता है तो हम सभी लोग 10 अगस्त 2021 के बाद आमरण अनशन शुरू करेंगे,
प्रतिनिधिमंडल में दिनेश कुमार मिश्रा, अधिवक्ता दिलीप कुमार यादव, आमोद त्रिपाठी( गवर्निंग काउंसिल हाईकोर्ट बार ,इलाहाबाद), अश्विनी कुमार पांडेय ( गुड्डू पांडेय) पूर्व पार्षद , नूर अहमद, जितेंद्र नायक, अमरेंदु सिंह , शिवा त्रिपाठी, आनंद शंकर दुबे आदि के साथ सैकड़ों की संख्या में अभिभावक एवं अधिवक्ता लोग उपस्थित थे।

पूर्व मंत्री राकेश कुमार दुबे और अधिवक्ता प्रशांत कुमार शुक्ल द्वारा चेतावनी दी गई है कि पूर्व में कई बार शासन प्रशासन द्वारा आश्वासन देकर कोई भी कार्यवाही नही की गई है लेकिन इस बार यदि 10अगस्त 2021 तक जिला प्रशासन द्वारा निजी विद्यालयों द्वारा कंपोजिट फीस के नाम पर धन उगाही का सिलसिला बंद करवा के केवल उचित शिक्षण शुल्क लेने का आदेश जारी नही किया गया तो 10 अगस्त 2021 के बाद अभिभावकों एवम अधिवक्ता साथियों के साथ आमरण अनशन शुरू किया जाएगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की स्वयं होगी।

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