मुख़्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल से यूपी की बांदा जेल लाया गया, बैरक नंबर 16 है फिलहाल ठिकाना, 10 बजे होगा कोरोना टेस्ट

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उत्तर प्रदेश में मऊ ज़िले से बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है.

आखिरकार करीब 14 घंटे के सफर के बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी का काफिला बांदा जेल पहुंच गया. सुबह करीब 4.30 बजे भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच मुख्तार अंसारी का काफिला बांदा जेल पहुंचा. सुबह करीब 4 बजाकर 26 मिनट पर बांदा जेल का दरवाजा खोल दिया गया. काफिले की बाकी गाड़ियां रूक गईं और मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस जेल में दाखिल हो गई.

सुबह 4:30 बजे बांदा जेल में आने के बाद मुख्तार अंसारी ने जेल अधिकारियों से कहा कि वह काफी थक गया है, सोना चाहता है, इसलिए उसे सीधे बैरक नंबर 16 पहुंचाया गया, जिसमें वह आराम करता रहा. सुबह चाय के लिए जेल अधिकारियों ने पूछा लेकिन थकान की वजह से उसने चाय को मना किया.

सुबह 10 बजे होगा मुख्तार का कोरोना टेस्ट

सुबह 10:00 बजे मुख्तार अंसारी का कोरोना टेस्ट किया जाएगा और बांदा के सीएमओ फिलहाल पंजाब से आए मेडिकल फाइल का परीक्षण कर रहे हैं. फिलहाल मुख्तार को 16 नंबर बैरक में आइसोलेशन में रखा गया है और किसी से मिलने की इजाजत नहीं है. पूरे बैरक को सीसीटीवी के जरिये मॉनिटर किया जा रहा है.

करीब 900 किलोमीटर का सफर तय
करीब 900 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मुख्तार अंसारी को सड़क के रास्ते बांदा लाया गया. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. मुख्तार को बांदा जेल की बैरक नंबर-15 में रखने का प्लान है. फिलहाल, उसे बैरक नंबर-16 में रखा गया है. कोरोना टेस्ट होने के बाद उसे बैरक नंबर-15 में शिफ्ट किया जा सकता है.

पुलिस ने भी ली राहत की सांस
मुख्तार अंसारी के सुरक्षित बांदा जेल पहुंच जाने पर पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. काफिले को रोपड़ से बांदा सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी सीओ सत्य प्रकाश पर थी. उनका कहना है कि हम सुरक्षित मुख्तार को जेल तक लाने में सफल रहे. बांदा से करीब 150 पुलिसकर्मियों की टीम मुख्तार को लाने रोपड़ गई थी.

24 साल से लगातार विधायक बन रहा है मुख्तार
बीजेपी को छोड़कर उत्तर प्रदेश की हर बड़ी पार्टी में शामिल रहा मुख्तार अंसारी पिछले 24 साल से लगातार उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंच रहा है. उस पर हत्या से लेकर उगाही तक के संगीन इल्जाम है. इनमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मामला भी था, जिसमें वो बरी हो गया था. इस मामले की जांच सीबीआई ने भी की थी.

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