यूपी: कासगंज कांड का मुख्य आरोपी मोती सिंह एनकाउंटर में ढेर, सिपाही की हत्या में था वांटेड

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कासगंज कांड के मुख्य आरोपी मोती सिंह को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया. उसके पास से पुलिस ने दरोगा की गायब पिस्टल भी की बरामद की है. मोती सिंह सिढ़पुरा थाने के सिपाही की हत्या और दारोगा को बुरी तरह से घायल करने की घटना का मुख्य आरोपी था. घटना के दिन से फरार चल रहे मोती को पिछले कई दिनों से पुलिस तलाश कर रही थी.

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार कई जिलों में दबिश दे रही थी. उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया. लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा था. इस बीच देर रात कासगंज कांड के एक लाख इनामिया मोती सिंह का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. एनकाउंटर के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

इससे पहले कासगंज मामले में एक और आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. दरअसल, वारदात के मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार तथा उसके साथियों को पुलिस ने कावी नदी के किनारे घेर लिया था. इस दौरान दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एलकार घायल हो गया, उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. इसके बाद इस केस में कई और लोगों की गिरफ़्तारी हुई.

गौरतलब है कि 9 फरवरी को कासगंज के थाना सिढ़पुरा के नगला धीमर गांव में अवैध शराब के कारोबार की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना पर कासगंज पुलिस गांव में छापा मारने पहुंची. लेकिन शराब माफियाओं को इस बात की खबर पहले ही लग चुकी थी. बदमाशों ने पुलिस टीम को घेर लिया और सब इंस्पेक्टर अशोक और सिपाही देवेंद्र को बंधक बना लिया. इससे पहले कि बाकी पुलिस वाले कुछ समझ पाते, बदमाशों ने दरोगा अशोक और सिपाही देवेंद्र पर हमला कर दोनों को लहूलुहान कर दिया. हमले में सिपाही की मौत हो गई कि जबकि दरोगा बुरी तरह घायल हो गए. पुलिस वालों को लाठी और लोहे के भाले से मारा गया था.

घटना के बाद STF की टीमों समेत पुलिस और SOG की कई टीमें गठित की गईं. खुद सीएम योगी और डीजीपी घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे. सीएम योगी ने कासगंज की घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ NSA लगाने का फरमान भी सुनाया.

इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपी मोती के मौसेरे भाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी की मां को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोपी महिला की गिरफ्तारी पुलिस ने उस समय की, जब वह सरावल के पास से जिला छोड़कर भागने की तैयारी में थी. पुलिस ने महिला के पास से वो भाला भी बरामद किया, जिससे सिपाही देवेंद्र सिंह की हत्या की गई थी. दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है. जबकि मोती और एलकार एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं.

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