शिक्षा सेवा अधिकरण के मुख्य पीठ स्थापना के मामले में हाइकोर्ट में लेटर पिटिशन याचिका मेल के द्वारा भेज कर संज्ञान लेने हेतु निवेदन किया गया

Share this news

प्रयागराज इलाहाबाद हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मा. मुख्य न्यायमूर्ति श्री गोविंद माथुर जी इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लेटर भेज कर
शिक्षा सेवा अधिकरण के मुख्य पीठ स्थापना के मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट व लखनऊ हाइकोर्ट अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य बहिष्कार/ आंदोलन को जनहित में समाप्त करने हेतु उत्तरप्रदेश सरकार को ततकाल प्रयागराज के अधिवक्ताओं की मांगो पर पुनर्विचार करने का आदेश पारित करने की मांग की गई है।

अधिवक्ता ने याचिका में मुख्य रूप से कहा है कि न्यायिक कार्य लंबे समय तक बहिष्कार होने से युवा अधिवक्ताओं की आर्थिक समस्या व प्रदेश के वादकारियों के फ्रेश व लंबित मुकदमो पर चिंता व्यक्त करते हुए माननीय मुख्य न्यायमुर्ति से संज्ञान लेने का निवेदन किया गया है।

याचिका में बताया गया है कि आंदोलन कई दिनों/ महीनों तक चलने की संभावना है।और योगी सरकार भी अपने फैशले में कोई बदलाव नही करने का संकेत दे चुकी है। जिससे प्रदेश के वादकारियों के फ्रेश व लंबित मुकदमो पर जल्द सुनवाई न होने की चिंता जाहिर की है।पिछले साल करोना काल के कई मुकदमे अभी भी लंबित चल रहे है ।और मा.न्यायलय पर लगातार मुकदमो का बोझ बढ़ता जा रहा है।

कोविड 19 महामारी के दौरान अधिवक्ताओं के द्वारा आंदोलन/जुलूस में सोशल डिस्टेंस का अनुपालन न करने व मास्क न लगाएं जाने पर भी कोरोना बायरेश फैलने से बचने के लिए तत्काल संज्ञान लेने का भी निवेदन याचिका में किया गया है।और बताया कि अभी करोना वायरेश खत्म नही हुआ है।2 गज की दूरी व मास्क जरुरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!