सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली ज़मानत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले को किसी भी अदालत में मिसाल के तौर पर नहीं रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों की रिहाई में इस समय कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. अदालत ने कहा कि अभी अंतिम आदेश के लिए इंतज़ार करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यन की अवकाश खंडपीठ ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल की ज़मानत चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई की है.
इन तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट को दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 जून को ज़मानत दी थी. इन्हें 17 जून को दिल्ली के तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है और इसका पूरे भारत पर असर पड़ सकता है. हम इसे लेकर नोटिस जारी करेंगे और सभी पक्षों को सुनेंगे.
तुषार मेहता ने कहा कि ये सब तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए थे और ये लोग उसी दौरान गड़बड़ पैदा करना चाहते थे.