सुप्रीम कोर्ट ने शिलॉन्ग टाइम्स की संपादक पैट्रीशिया मुखिम के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है. बता दें कि मुखिम के खिलाफ राज्य में गैर-आदिवासी लोगों के खिलाफ कथित हिंसा फैलाने वाली फेसबुक पोस्ट के चलते मामला दर्ज हुआ था. जिसमें अब सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने के आदेश दे दिए हैं.
जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेघालय हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुखिम की याचिका पर सुनवाई की. मेघालय हाईकोर्ट ने मुखीम के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि पैट्रीशिया मुखिम ने बीते साल अपनी फेसबुक पोस्ट में लॉसहटून के बॉस्केटबॉल कोर्ट में आदिवासी और गैर-आदिवासी युवाओं के बीच झड़प का जिक्र करते हुए लिखा था कि मेघालय में गैर-आदिवासियों पर लगातार हमले जारी हैं. हमलावरों को 1979 से कभी भी न गिरफ्तार नहीं किया गया ना ही उनके खिलाफ जांच की गई. इसके परिणामस्वरूप मेघालय लंबे समय तक विफल राज्य रहा है.
पैट्रीशिया ने मेघालय हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज इस केस को रद्द करने की मांग की थी. जिस पर पर कोर्ट ने मुखिम का फेसबुक पोस्ट मेघालय में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के सौहार्दपूर्ण संबंधों के बीच दरार पैदा करने वाला बताकर याचिका रद्द कर दी थी. इसके बाद पैट्रीशिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां उन्हें राहत की खबर सुनने को मिली.
पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमने अपील को मंजूर कर लिया है. न्यायालय ने 16 फरवरी को मामले में सुनवाई पूरी की थी और कहा था फैसला बाद में सुनाया जाएगा. मुखिम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि तीन जुलाई 2020 को एक जानलेवा हमले से जुड़ी घटना के संबंध में किए गए पोस्ट के जरिये वैमनस्य या संघर्ष पैदा करने का कोई इरादा नहीं था.