यह आमीर खान के दंगल या बीजेपी के मंगल की बबिता फोगाट नही है। लेकिन हां, यह कश्मीर की पहली महिला पहलवान है। बिना किसी कोचिंग और बुनियादी ढांचे के कुश्ती के मैट पर सैयद रशीदा सिमनानी की उपलब्धियां शानदार रही है।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके के द्राबगम गांव की रहने वाली रशीदा ने कहा कि वह बचपन से ही कुश्ती में रुचि रखती थीं और स्कूल स्तर पर कुछ प्रतियोगिताओं में जीतने के बाद से उन्हें अपने जुनून को बनाए रखने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन मिला।
रशीदा ने भारतीय राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण (एनएसएआई) पटियाला से स्वास्थ्य और फिटनेस में आठ सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स किया। उन्हें श्रीनगर के सरकारी महिला डिग्री कॉलेज में एक फिटनेस कोच के रूप में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
वह 2017 में राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बेसबॉल और कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया है, जहां उन्होंने कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीते हैं।
पटियाला में अपने प्रशिक्षण के बाद, उन्हें ताइक्वांडो में अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था, जहां उन्होंने रजत पदक जीता था।
रशीदा मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, इसलिए सरकार को महिलाओं के लिए आत्मरक्षा और जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू करने की तत्काल आवश्यकता है।
रशीदा ने कहा, मेरा दृढ़ता से मानना है कि लड़कियों के पास अपना व्यवसाय चुनने के लिए एक स्वतंत्र विकल्प होना चाहिए, जिसके लिए उनमें जुनून है।
उन्होंने कहा, एक बार जब आप एक ऐसे पेशे का चयन करते हैं जिसके लिए आप में जुनून है, तो आप स्वाभाविक रूप से उस क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करेंगे।