कर्नाटक में तीसरी लहर आने से पहले ही बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक वह राज्य है, जहां दूसरी लहर के दौरान कोरोना के मामले सबसे तेजी से आए हैं. दूसरी लहर के दौरान ही कर्नाटक में बच्चों के अंदर संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, जबकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है.
कोरोना की पहली लहर के दौरान 9 मार्च से 25 सितंबर 2020 के बीच 10 साल से छोटे बच्चों के 19,378 केस और 11 से 20 साल के बच्चों के 41,985 मामले सामने आए थे. कोरोना की दूसरी लहर में सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं. महज 15 दिन यानी 1 से 16 मई 2021 के बीच अब तक 19 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में कोरोना के अजीब लक्षण मिल रहे हैं, जिसमें लगभग 10 साल की आयु के बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी शामिल है. कुछ मामलों में बच्चों में चकत्ते और अन्य त्वचा रोग होते हैं. कर्नाटक में बच्चों में बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार अलर्ट हो गई है. वहीं, लोग फ्रिकमंद हो गए हैं. दूसरी लहर में ही बच्चों पर कोरोना का कहर शुरू हो गया है.
बच्चों में ये हो सकते हैं कोरोना के लक्षण
हेल्थ एक्सर्पट्स के मुताबिक, ज्यादातर बच्चे जो कोविड- 19 से प्रभावित हैं, उनमें सामान्य रूप से हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, थकान, गले में खराश, दस्त, खाने में स्वाद ना आना, सूंघने की क्षमता कम होना, मांसपेशियों में दर्द होना और लगातार नाक के बहने जैसे लक्षण शामिल हैं. कुछ बच्चों में पेट और आंतों से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ कुछ असामान्य लक्षण भी देखे गए हैं.
रिसर्च के मुताबिक, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक एक नया सिंड्रोम भी देखने को मिला है. बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के सामान्य लक्षण जैसे लगातार बुखार आना, उल्टी, पेट में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, थकान, धड़कनों का तेज होना, आंखों में लालपन, होंटो पर सूजन, हाथों और पैरों में सूजन, सिरदर्द, शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना शामिल हैं.