लखनऊ: जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष और प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी कुमारी के बीच चल रहा विवाद तलाक तक पहुँच गया है।
राजा भैया ने पत्नी से तलाक लेने को लेकर दिल्ली के साकेत पारिवारिक न्यायालय में अर्जी दी।
दो साल पहले यह अर्जी अदालत में दी गई थी और अब इस मामले में 10 अप्रैल को सुनवाई है। फिलहाल इस मामले में राजा भैया और उनकी पत्नी मीडिया से कुछ बोलने को तैयार नहीं है। राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह की बीच करीब चार वर्षों से विवाद चल रहा है।
राजा भैया की पत्नी अलग होकर दिल्ली में रह रही हैं। गत फरवरी में भानवी सिंह ने दिल्ली में राजा भैया के करीबी रिश्तेदार और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज कराई थी।
आरोप लगाया है कि अक्षय प्रताप ने उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी कंपनी के मेजारिटी शेयर हथिया लिए हैं। दिल्ली पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 109 और 120बी के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रतापगढ़ में कुंडा विधायक राजा भैया की पत्नी भानवी कुमार सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड है। इसमें वह मेजॉरिटी शेयर होल्डर हैं, लेकिन एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने धोखाधड़ी करते हुए फर्जी हस्ताक्षर कंपनी के मेजॉरिटी शेयर हथिया लिए हैं।
भवानी सिंह के इस कदम के बाद ही राजा भैया से उनकी अनबन होने का मामला पहली बार सामने आया था और तब राजा भैया ने कहा था कि मैं अपने छोटे भाई अक्षय प्रताप सिंह के साथ हूँ और मैं जहां तक हमारी जानकारी है कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है। अब राजा भैया द्वारा तलाक लेने के बाबत कोर्ट में दी गई अर्जी की चर्चा जोरों पर है।
कहा जा रहा है कि राजा भैया द्वारा कोर्ट में दाखिल तलाक की अर्जी में पत्नी भानवी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राजा द्वारा अर्जी में पत्नी के खिलाफ परिजनों को अपमानित करने और बच्चों की परवरिश में उदासीनता बरतने जैसे कई आरोप लगाए जाने की बात कही जा रही है, हालांकि इस संबंध में राजा भैया और उनकी पत्नी कुछ बोले को तैयार नहीं हैषृ।
राजा भैया का विवाह वर्ष 1995 में बस्ती राजघराने की बेटी भानवी सिंह हुआ था। उनके चार बच्चे हैं। दो बेटियां राघवी, बृजेश्वरी और दो बेटे शिवराज, बृजराज हैं। यूपी की राजनीति में राजा भैया किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह भदरी राजघराने के उत्तराधिकारी हैं और प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1993 से लगातार चुनाव जीत कर विधानसभा पहुँच रहे हैं।
वर्ष 1993 में, जब वह केवल 26 वर्ष के थे, तब उन्होंने विधायक के रूप में चुनाव लड़ा और स्वतंत्र रूप से जीता। वह कल्याण सिंह की अगुवाई में वह यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद वह राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार भी भी वह कैबिनेट मंत्री रहे थे।
मायावती की सरकार में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वर्तमान में उन्हें राजपूत समाज अपनी शान मानता है और यूपी विधानसभा में उनकी पार्टी के दो विधायक हैं।