महाकुंभ 2025 में लाखों धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा डीजेजेएस
महाकुंभ 2025 की उलटी गिनती शुरू हो गई है, जिसमें प्रयागराज में 40 करोड़ से अधिक भक्तों के जुटने की उम्मीद है। हर 12 साल में होने वाला यह महान धार्मिक आयोजन आध्यात्मिक नवीनीकरण का समय होता है, जहां श्रद्धालु संगम में आकर अपनी आत्मा और कर्मों की शुद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस आयोजन की भव्यता को रेखांकित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ, सनातन धर्म का सबसे भव्य उत्सव, अब तक के सभी कुंभों को आकार और भव्यता में पार कर जाएगा।”
शास्त्रों में यह विश्वास है कि सच्ची आध्यात्मिक प्रगति के लिए त्रिवेणी और आज्ञा चक्र (पीनियल ग्रंथि का सूक्ष्म केंद्र) में भी डुबकी लगानी चाहिए। इसी आधार पर दिव्य गुरु अशुतोष महाराज जी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) प्रयागराज में 9 एकड़ का शिविर स्थापित कर रही है। यह शिविर विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से आगंतुकों को ध्यान और आत्म-शुद्धि की ओर मार्गदर्शन देगा।
लाखों श्रद्धालुओं के लिए तैयार
डीजेजेएस के अध्यक्ष स्वामी आदित्यनंद जी ने साझा किया कि महाकुंभ 2025 में डीजेजेएस के शिविर में भारत और विदेशों से करीब 15 से 20 लाख आगंतुकों के आने की उम्मीद है। यह शिविर गंगेश्वर बजरंगदास चौराहा, सेक्टर 9, अमिताभ पुलिया के पास, गोविंदपुर, प्रयागराज में स्थित होगा। 33 दिनों (15 जनवरी से 16 फरवरी) के दौरान शिविर में कथाएं, युवा उत्सव, कॉर्पोरेट कार्यशालाएं, वैदिक मंत्रोच्चार, यज्ञ और 150 से अधिक आयोजन होंगे। इन आयोजनों में संस्थान के 20,000 से अधिक स्वयंसेवी भाग लेंगे। उन्होंने कहा, “इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को ब्रह्मज्ञान के माध्यम से अपने भीतर दिव्यता को खोजने के लिए प्रेरित करना है।”
सुविधाजनक और सुरक्षित आवास
डीजेजेएस शिविर में आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवास विकल्प उपलब्ध होंगे, जिनमें अटैच वॉशरूम, गीजर, इलेक्ट्रिक केतली और शुद्ध शाकाहारी भोजन की व्यवस्था होगी। शिविर में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, पूर्व सैन्यकर्मियों और स्वयंसेवकों की मदद से 24×7 सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सामान की सुरक्षित भंडारण सुविधा भी उपलब्ध होगी। शिविर के अन्न-क्षेत्र हॉल में मुफ्त लंगर प्रसाद (सामुदायिक भोजन) भी उपलब्ध होगा।
परंपरा और तकनीक का संगम
महाकुंभ 2025 के थीम भव्य, दिव्य, डिजिटल कुंभ के अनुरूप, डीजेजेएस एक टेक्नो-ट्रेडिशनल कुंभ प्रस्तुत करेगा, जिसमें आध्यात्मिकता को डिजिटल नवाचार के साथ जोड़ा जाएगा। शिविर में 60×40 फीट का भव्य मंच, 14×46 फीट का एलईडी बैकड्रॉप, विभिन्न डिले एलईडी, और 8K व 3D प्रोजेक्शन की सुविधा होगी। यह प्रदर्शन युग के अनुरूप वातावरण तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है, डीजेजेएस प्रवक्ता साध्वी तपेश्वरी भारती ने कहा।
पर्यावरण के अनुकूल पंडाल
डीजेजेएस एक हरित शिविर स्थापित कर रहा है, जिसमें जूट, भूसा, बांस, मिट्टी, हॉगला घास और ताड़ के पत्तों जैसे टिकाऊ सामग्री का उपयोग किया जाएगा। शिविर में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक और पीवीसी का पूरी तरह से उपयोग नहीं होगा। इसके बजाय, कॉटेज, बाउंड्री वॉल और सजावट के लिए जैव-अपघटनीय विकल्पों का उपयोग किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए विशेष आयोजन
अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए, डीजेजेएस बहुभाषी परामर्श और अंग्रेजी में विशेष आयोजनों की व्यवस्था करेगा। डीजेजेएस के विश्वभर के शाखाओं से 1,000 सन्यासी शिष्य विभिन्न भाषाओं में आध्यात्मिक मार्गदर्शन देंगे। डीजेजेएस की प्रतिनिधि साध्वी डॉ. निधि भारती ने बताया, “सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूके से बड़ी संख्या में आगंतुक हमारे शिविर में आएंगे।” उनके लिए डीजेजेएस राम कथा, देवी भागवत कथा, भगवद गीता प्रवचन और स्वास्थ्य विषयक वार्ता अंग्रेजी में आयोजित करेगा। इसके अलावा, वीआर अनुभव के माध्यम से पुराणों की कहानियां और महाकुंभ के महत्व को हिंदी और अंग्रेजी में दिखाया जाएगा।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की इन भव्य पहलों के माध्यम से महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं के लिए विश्वास, तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम साबित होगा।