प्रयागराज में बाल सुधार गृह में बन्द माफिया अतीक अहमद का बेट अहज़म आज 5 अक्टूबर को बालिग हो गया अब ये सवाल उठ रहा कि बालिग होने के बाद उसको कहा रखा जाएगा क्योंकि बाल सुधार गृह में सिर्फ उन लोगो को रखा जाता है जो नाबालिग हो इस मामले में चाईल्ड वेल्फेयर कमेटी के प्रभारी अखिलेश मिश्रा का कहना है की अतीक का बेटा अहज़म 5 अक्टूबर को बालिग हो गया है अब आगे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही अतीक के दोनों लड़को पर निर्णय किया जाएगा की उनको किसको सौपा जाए।
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल हत्या कांड हुआ था जिसमे उमेश के अलावा दो सरकारी गनर की भी हत्या हुई थी हत्याकांड के बाद उसी रात में अतीक के दोनों बेटों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और उन्हें पहले खुल्दाबाद के बाल गृह में रखा गया फिर उनको राजरूपपुर के बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया गया काफी दिन बाद जब दोनों बेटों के बारे में अतीक के परिवार को जानकारी नही दी गई तो अतीक के वकील ने कोर्ट में अर्ज़ी दी तब कोर्ट ने धूमन गंज पुलिस से दोनों बच्चों के बारे में आख्या मांगी तब पुलिस ने अपनी आख्या में बताया था कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक की पत्नी और रिश्तेदार फरार है दोनों बेटे चकिया मुहल्ले में मिले तो पुलिस ने उनको सुरक्षा के मद्देनजर राजरूपपुर के बाल सुधार गृह में दाखिल किया है.
उमेश पाल हत्याकांड की साजिश माफिया अतीक अहमद के घर से ही रची गई थी पुलिस जांच में ये साफ हुआ था कि उमेश पाल हत्याकांड के पहले और बाद में अतीक अशरफ गुड्डू मुस्लिम असद साबिर अरमान और अतीक की पत्नी शाईस्ता ने फेस टाइम पर सभी से बात की थी और फेस टाइम की अलग अलग नामो से मोबाइल में ID अतीक के बेटे अहज़म ने ही बनाई थी धूमन गंज पुलिस ने इसका साक्ष्य कोर्ट में भी सबमिट किया है अब असंका ज़ाहिर की जा रही है कि पुलिस उमेश पाल हत्याकांड में ऐज़म का नाम भी शामिल कर सकती है हालांकि पुलिस इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतज़ार कर रही है.
माफिया अतीक अहमद की बहन शाहीन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल करके बाल सुधार गृह में बन्द अतीक के दोनों बेटों की कस्टडी मांगी है जिस पर एक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वकीलों की टीम ने दोनों लड़को से मुलाकात करके उनकी मनो इस्थिति जानी थी जिसमे ये बात सामने आई थी की अतीक के दोनों बेटे बाल सुधार गृह में नही रहना चहते बल्कि आगे की पढ़ाई के लिए UP छोड़ कर किसी भी राज्य में रहना चाहते है। अब सबकी निगाह सुप्रीम कोर्ट में 10 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई टिकी है की सुप्रीम कोर्ट इस बारे में क्या फैसला देती है.