प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज डॉक्टर बी आर अंबेडकर ग्रंथालय एवं जन समिति द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 जातियों को अनुसूचित जाति के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 2016 में उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक गवर्नमेंट ऑर्डर के जरिए 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया था। इसके खिलाफ उक्त समिति जनहित याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आई।
आज मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और जेजे मुनीर की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया आर्टिकल 341(2) के तहत ही इस सूची में शामिल किया जा सकता है । 2016 में जो सरकारी आदेश निकाला गया था वह गलत था, अतः यह सरकार उस आदेश को वापस लेती है।
इस आदेश के तहत मल्लाह निषाद राज भर कुल 18 जातियों को पिछड़े से अनुसूचित जाति में शामिल किया गया था।