पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद शाह क़ुरैशी की अंकारा में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन से मुलाक़ात हुई है. मंगलवार को अंकारा पहुँचने पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री क़ुरैशी ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने तुर्की के विदेश मंत्री से मुलाक़ात की और फ़लस्तीनियों के अधिकार के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प लिया.
क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान 1967 की सीमा के तहत फ़लस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने का समर्थन करता है, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम होगी.
यही बात ज़ोर देकर सऊदी और तुर्की भी कह रहे हैं. फ़लस्तीनी प्रशासन के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार इसराइली हमले में अब तक 200 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग ज़ख़्मी हुए हैं.
तुर्की और पाकिस्तान फ़लस्तीनियों को लेकर कई देशों के नेताओं से बात कर रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति ने तो दुनिया के लगभग इस्लामिक देशों के प्रमुखों सेफ़ोन पर बात की और कहा कि इसराइल के ख़िलाफ़ मुस्लिम देशों को एकजुट होना चाहिए.
पाकिस्तान की ओर से भी इसी तरह की अपील की जा रही है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को भी फ़ोन किया था और फ़लस्तीनियों पर समर्थन मांगा था. चीन ने कहा था कि वो फ़लस्तीनियों के वाजिब हक़ों के साथ खड़ा है.
पाकिस्तान इस्लामिक दुनिया में एकमात्र देश है जो परमाणु शक्ति संपन्न है और तुर्की भी ख़ुद को इस्लामिक देशों के नेतृत्व का दावा करता रहा है. दूसरी तरफ़ सऊदी अरब है जिसका दबदबा इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी में है. तुर्की और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इसराइली कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग कर रहे हैं.
(भाषा इनपुट से)