कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच भारत के कंपनी जगत की उम्मीदों में तेजी से गिरावट देखी गई है.
फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चेंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के ताजा सर्वे में कहा गया है कि बिज़नेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स गिरकर 51.5 पर पहुंच गया है जबकि इससे पहले के सर्वे में ये दशक के सबसे उच्च स्तर 74.2 पर था.
सर्वे में कहा गया है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण हालात जिस तरह से बिगड़ रहे हैं, उससे आने वाले समय की संभावनाओं पर पानी फिरता हुआ दिख रहा है.
यही कारण है कि बिज़नेस कॉन्फिडेंस इंडेक्स में 20 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है. ताजा सर्वे में मांग की कमज़ोर स्थिति का हवाला देने वाले प्रतिभागियों की संख्या पिछले सर्वे की तुलना में बढ़ी है.
सर्वे में 70 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि डिमांड में कमी परेशान करने वाली बात है. पिछले सर्वे में ऐसी शिकायत करने वाले 56 फीसदी लोग ही थे.
सर्वे के मुताबिक आम लोगों की कमाई पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है. कोरोना की पहली लहर में लोगों की पुरानी बचत खत्म हो चुकी है. लंबे समय तक मांग की स्थिति कमज़ोर बने रहने की संभावना है.
महामारी की मौजूदा लहर से बड़ी आबादी प्रभावित हुई है. कोरोना के कारण कई लोगों की नौकरियां गई है और कई लोगों की जानें, ऐसे में बहुत से परिवारों की आमदनी हमेशा के लिए रुक गई है.
फिक्की के मुताबिक इन हालात में मांग की स्थिति को उठाने के लिए जो कदम उठाए जाएंगे, वो अर्थव्यवस्था के लिए अहम होंगे.
इसके अलावा हालात को सामान्य बनाने की दिशा में टीकाकरण की रफ्तार भी काफी तेज करनी होगी. हालांकि सर्वे में भाग लेने वाली कंपनियों का कहना है कि मांग की कमी के बावजूद वे अपनी क्षमता के इस्तेमाल में सुधार कर पाए हैं.
(इनपुट बीबीसी हिंदी)