केंद्र सरकार ने कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति पर काम करने को कहा है. सरकार ने कहा है कि जांच का दायरा बढ़ाकर, कांटैक्ट ट्रेसिंग को बेहतर बनाने और जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन लगाकर ही कोरोना के बढ़ते मामलों पर काबू पाया जा सकता है. इन आठ राज्यों में हरियाणा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ शामिल हैं. महाराष्ट्र और पंजाब के कोरोना केस पहले ही तेजी से बढ़ रहे हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने कहा कि इन आठ राज्यों के 63 जिले चिंता की वजह बने हुए हैं, क्योंकि इन राज्यों में कोरोना जांच की संख्या लगातार घट रही है. इनमें RT-PCR टेस्ट की तादाद काफी कम हो रही है और पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) यानी कुल जांच के मुकाबले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
इन प्रभावित क्षेत्रों में कोविड संक्रमित मरीजों की कांटैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) भी कमजोर हुई है. इनमें से 9 जिले दिल्ली, 15 हरियाणा, आंध्र प्रदेश-ओडिशा के 10, हिमाचल प्रदेश के 9 और उत्तराखंड के 7 जिले शामिल हैं. गोवा में 2 और चंडीगढ़ के एक जिले में कोरोना के मामलों में यह प्रवृत्ति देखी गई है. मंत्रालय के मुताबिक, हर संक्रमित मरीज के औसतन 20 करीबी लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग होनी चाहिए. जांच का दायरा बढ़ाने के साथ सुपर स्प्रेडर यानी कोरोना के बड़ी संख्या में मामलों से जुड़े आयोजनों पर सतर्क निगरानी होनी चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और नीति आय़ोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने हरियाणा, आंध्र, ओडिशा, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के साथ केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली और चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की है. इन राज्यों के वैक्सीन की खुराकों का बेहतर इस्तेमाल और ज्यादा जोखिम वाले जिलों पर ध्यान देने को कहा गया है.