हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने कोविड की रोकथाम को लेकर पेश किया हलफनामा,
सेक्रेटरी होम की ओर से पेश किए हलफनामे से कोर्ट नहीं हुई संतुष्ट,कोर्ट ने कहा हलफनामे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई है,कोविड मरीजों को लेकर हेल्थ बुलेटिन भी जारी नहीं किया जा रहा है।
कोर्ट ने हर जिले में तीन सदस्यों की पेंडमिक पब्लिक ग्रीवांस कमेटी के गठन का दिया निर्देश, जिला जज को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट या ज्यूडीशियल ऑफिसर रैंक के अधिकारी को नामित करने का आदेश।
कोर्ट के आदेश के 48 घंटे के भीतर चीफ सेक्रेट्री होम को कमेटी गठन का आदेश, पब्लिक ग्रीवेंस कमेटी कोविड के बढ़ते संक्रमण पर रखेगी नजर।
सरकार ने बहराइच,बाराबंकी, बिजनौर जौनपुर और श्रावस्ती जिलों को लेकर कोर्ट को दी जानकारी, इन जिलों में कोविड-19 लेकर 11 बिंदुओं पर दी जानकारी।
राज्य सरकार ने हलफनामे में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग की दी जानकारी, कोर्ट को 31 मार्च से अब तक किए गए टेस्टिंग की दी जानकारी,
कोर्ट ने दिव्यांगों के वैक्सीनेशन को लेकर राज्य सरकार से पूछा, जो दिव्यांग वैक्सीनेशन सेंटर नहीं जा सकते और जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते उनके लिए क्या इंतजाम हैं।
कोर्ट ने पूछा गांव में 18 से 45 साल के जो मजदूर हैं वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते, कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा ऐसे अशिक्षित ग्रामीणों के लिए वैक्सीनेशन की क्या योजना है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को जस्टिस वीके श्रीवास्तव के निधन के मामले में दिया आदेश, सेक्रेटरी लेवल ऑफिसर की अध्यक्षता में तीन दिन में एक कमेटी गठित करने का आदेश।
जिसमें पीजीआई के पल्मनोलॉजिस्ट और एल्डर कमेटी अवध बार एसोसिएशन को एक सीनियर एडवोकेट नामित करने का दिया आदेश।
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के सीनियर रजिस्ट्रार सरकार, पीजीआई लखनऊ और अवध बार एशोसिएशन से करेंगे समन्वय।
2 हफ्ते में कमेटी जस्टिस वीके श्रीवास्तव की मौत को लेकर अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी, 17 मई को सुबह 11बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगीत्रअगली सुनवाई,
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की डिवीजन बेंच में हुई मामले की सुनवाई।