ब्रिटेन में हो रही जी-7 देशों की बैठक के दौरान इसके नेताओं ने चीन से शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों का सम्मान करने, हांगकांग में ज़्यादा स्वायत्ता देने और ऐसी किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचने की नसीहत दी है, जिससे ‘ईस्ट और साउथ चाइना सी’ में अस्थिरता पैदा होती हो.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि ग्रुप-7 के देश चीन पर ये बयान जारी करने वाले हैं और इस बयान का मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है.
शिनजियांग क्षेत्र में रहने वाले वीगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के मुद्दे पर पश्चिमी देश चीन की आलोचना लंबे समय से करते रहे हैं.
वैश्विक ताकत के रूप में चीन के उदय को साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद हाल के समय की सबसे महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाओं में माना जाता है.
*चीन का जी-7 देशों को जवाब*
चीन के उदय से अमेरिका परेशान है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि चीन उसका मुख्य प्रतिस्पर्धी है.
ग्रुप-7 के देशों के इस बयान में हांगकांग की स्वायत्ता के लिए चीन और ब्रिटेन के साझा घोषणापत्र का भी हवाला दिया गया है.
(भाषा इनपुट से)
लेकिन इससे पहले कि ग्रुप-7 देशों की ये आलोचना सामने आती, चीन ने स्पष्ट रूप से इसके नेताओं को चेतावनी दी है कि वे दिन लद गए जब दुनिया की किस्मत मुठ्ठी भर देश किया करते थे.
ग्रुप-7 के इस बयान में ताइवान जलडमरूमध्य के क्षेत्र में स्थिरता और शांति की अहमियत पर भी जोर दिया गया है.
कहा गया है कि जी-7 इस क्षेत्र में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करता है.
(इनपुट BBC )