हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद यह फैसला सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट आज केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. यूपी सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिद्दीक कप्पन की जमानत का विरोध किया. और कहा कि सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पत्रकार सिद्दीक कप्पन की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आई है और उसे मथुरा के अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
सरकारी वकील तुषार मेहता ने कहा कि कप्पन के पास से एक अखबार तेजस का आईडी कार्ड मिला है. जिसका पत्रकार होना बताया जा रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि वो अखबार तीन साल पहले बंद हो गया था. कप्पन फर्जी पहचान पत्र लेकर जा हाथरस जा रहा था.
तुषार मेहता ने कोर्ट से आगे कहा कि तेजस पीएफआई का मुखपत्र है. इसके सिमी के साथ भी संबंध हैं. तेजस चरमपंथी विचारधारा को प्रश्रय देता है. ये है अख़बार ओसामा बिन लादेन को शहीद बताता है. कप्पन पीएफआई का एक सक्रिय सदस्य है. कप्पन फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पीएफआई के सदस्यों के साथ जुड़ा हुआ है और पूरे देश में इसका सम्पर्क है.
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि वो 45 मिनट में बताए कि क्या गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जा सकता है? इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि इसी तरह की बीमारी वाले हजारों कैदी हैं, और रही बात दिल्ली की तो दिल्ली में पहले से ही अस्पताल अपनी क्षमता से अधिक भरे हुए हैं.