नियमों की अनदेखी कर कराई गई धनंजय सिंह की रिहाई

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25 मार्च को प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत बहाल कर जारी किया था रिहाई आदेश
नये जमानतदार द्वारा बांड पेश किए जाने पर हुई थी धनंजय सिंह की जमानत बहाल
25 मार्च को ही हुआ था धनंजय की रिहाई का आदेश
25 मार्च को शाम 4:15 बजे जारी हुआ था आदेश
फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल सीधे भेजा गया था आदेश
स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया था आदेश ,नियम के मुताबिक रिहाई परवाना और मुचलका आदेश प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल भेजा जाना चाहिए था
स्पेशल कोर्ट ने 5 मार्च को धनंजय को ज्यूडिशल कस्टडी में प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल ही भेजा था
इस आधार पर रिहाई आदेश नैनी सेंट्रल जेल भेजा जाना चाहिए था
नैनी सेंट्रल जेल से स्पेशल मैसेंजर द्वारा फतेहगढ़ जेल भेजा जाता आदेश
रिहाई आदेश आमतौर पर पैरोकार के जरिए उस जेल में भेजा जाता है, जहां कोर्ट बंदी को रखने का देती है आदेश
रिहाई आदेश को फतेहगढ़ जेल सीधे तौर पर भेजे जाने और स्पीड पोस्ट से भेजे जाने पर उठ रहे हैं सवाल
मामला सुर्खियों में ना आए इस वजह से गुपचुप तरीके से डाक द्वारा रिहाई आदेश भेजे जाने का है का जताया जा रहा है शक
धनंजय की रिहाई में भी सरकारी हमले की मिलीभगत होने और खेल किए जाने का जताया जा रहा है शक
31 मार्च की सुबह गुपचुप तरीके से कर दी गई धनंजय की जेल से रिहाई
लखनऊ के अजीत सिंह मर्डर केस में मोस्ट वांटेड है धनंजय सिंह
इस मामले में धनंजय पर ₹25000 का इनाम भी घोषित है
कहीं धनंजय को लखनऊ पुलिस की गिरफ्त से बचाने के लिए तो नहीं रची गई है कोई साजिश
इस मामले में लखनऊ पुलिस की लापरवाही भी है सवालों के घेरे में
रिहाई होने तक अगर धनंजय लखनऊ पुलिस अजीत सिंह मर्डर केस में वारंट पेश कर रिमांड बनवा देती तब नहीं हो सकती थी धनंजय की रिहाई
किसी भी दूसरे मामले में रिमांड ना होने की वजह से ही हो सकी है धनंजय सिंह की रिहाई
धनंजय की रिहाई को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

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