केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब से थोड़ी देर पहले एक प्रेस वार्ता में कहा कि रूस की स्पुतनिक वैक्सीन अगले सप्ताह से बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी.
प्रेस वार्ता में कहा गया कि भारतीयों को चिंता नहीं करनी चाहिए, भारत में आने वाले कुछ महीनों में वैक्सीन की करोड़ों डोज़ नागरिकों के लिए उपलब्ध होंगी.
प्रेस वार्ता में नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है, स्पुतनिक वैक्सीन भारत पहुंच चुकी है, मुझे उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक ये वैक्सीन बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगी. फ़िलहाल ये सीमित मात्रा में बिकने के लिए उपलब्ध है लेकिन इसके बाद भी वैक्सीन की सप्लाई जारी रहेगी.
देश के भीतर इसका उत्पादन जुलाई के महीने में शुरू होगा और एक अनुमान के अनुसार इसके 15.6 करोड़ डोज़ का उत्पादन किया जाएगा।
डॉक्टर वी के पाल ने कहा, “भारत में अगस्त और दिसंबर के बीच वैक्सीन की 216 करोड़ डोज़ का उत्पादन किया जाएगा. ये सभी वैक्सीन भारतीय नागरिकों के लिए होगी.
उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए वैक्सीनेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है. 45 साल से अधिक उम्र वालों के एक तिहाई आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ दी जा चुकी है.
वैक्सीन की कमी की ख़बरों को लेकर उन्होंने कहा कि अगस्त और दिसंबर के बीच भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड की 75 करोड़ डोज़ उपलब्ध होगी.
वहीं भारत बायोटेक तीन और कंपनियों से साथ मिल कर कोवैक्सीन की 55 करोड़ डोज़ बनाएगी.
बायोलॉजिकल ई के सबयूनिट वैक्सीन का भी उत्पादन जल्द शुरू होगा. ये भारतीय कंपनी है और यहां से सरकार को तीस करोड़ डोज़ मिलने की उम्मीद है.
ज़ायडस कैडिला भी जल्द ही वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाज़त के लिए आवेदन करने वाला है, उसके वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल जारी है.
सीरम-नोवावैक्स की वैक्सीन की भी 20 करोड़ डोज़ भी जल्द उपलब्ध होंगी है.
उन्होंने कहा कि एफ़डीए और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंज़ूरी वाली विदेशी वैक्सीन को भारत आ सकते हैं और उन्हें एक से दो दिन में इंपोर्ट लाइसेंस दिया जाएगी.
उन्होंने कहा कि “जैसी ही कंपनियां सप्लाई करने के लिए तैयार होंगी हम एक या दो दिन में इंपोर्ट लाइसेंस देंगे, कम से कम लाइसेंस देने में कोई देरी नहीं होगी.
(भाषा इनपुट से)