रेमडेसिविर के लिए CMO के पैर पकड़ने वाली महिला नहीं बचा सकी इकलौते बेटे की जान

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उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक बेबस, लाचार और सिस्टम की मारी एक मां सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी के कार्यालय में उनसे मिन्नतें करती रही. उनके पैर पकड़ती रही. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हुआ, पूरे देश ने देखा और सब के मुंह से एक ही शब्द निकला उफ्फ! एक मां कहती रही कि ‘रेमडेसिविर इंजेक्शन से मेरे बेटे की जान बचा लें.’ मगर सिस्टम की निष्ठुरता ने उस अभागी मां से 24 साल के बेटे को छीन लिया.

दरअसल नोएडा की खोड़ा कॉलोनी की रहने वाली रिंकी देवी का इकलौता बेटा कोरोना का संक्रमित हो गया था. नोएडा सेक्टर 51 स्थित अस्पताल में इलाज चल रहा था. यहां डॉक्टरों ने रिंकी देवी को रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर देने का पर्चा थमा दिया. मां को पता चला कि ये इंजेक्शन सेक्टर 39 के सीएमओ दफ्तर से मिलेगा. बेटे की जान बचाने की कोशिश में मां भागी भागी सीएमओ दफ्तर की दहलीज पर पहुंच गई. काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब रिंकी देवी को लगा कि इस इंजेक्शन को पाना तो बहुत मुश्किलों भरा है, तभी उसका सामना सीएमओ डॉक्टर दीपक ओहरी से हो गया.

सीएमओ को देखते ही रिंकी देवी उनके पैरों में गिर गईं और बेटे की जिंदगी बचाने की फरियाद करते हुए इंजेक्शन की मांग करने लगीं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनका पर्चा तो लिया, लेकिन रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की बात कहकर मदद करने से इनकार कर दिया. लाचार, बेबस और बदकिस्मत मां शाम 4:00 बजे तक सीएमओ दफ्तर में मदद का इंतजार करती रही, लेकिन उसे एक अदद इंजेक्शन नसीब नहीं हुआ. शाम करीब 4:30 बजे जब वह खाली हाथ सेक्टर-51 के अस्पताल में पहुंची, तब तक उसके जवान बेटे की सांसों की डोर टूट चुकी थी.

मंगलवार को सीएमओ कार्यालय का एक और वीडियो वायरल हुआ है. इसमें उन महिलाओं को जेल भेजने की धमकी दी गई है, जो बार-बार रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सीएमओ दफ्तर पहुंच रही हैं. उन महिलाओं को चेतावनी देते हुए हवालात भेजने की बात कही गई है. बता दें कि दिल्ली से सटे नोएडा में भी कोरोना का कहर जारी है. दवाओं और ऑक्सीजन के लिए लोग परेशान हैं. रोजाना नोएडा में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. आरोप है कि डीएम को छोड़कर कोई अधिकारी बहुत एक्टिव नजर नहीं आ रहा है.

(भाषा इनपुट से)

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