प्रयागराज के बहरिया में स्थित गाजी मियां की मजार पर निशान चढ़ाने को लेकर बवाल हो गया। रविवार को कोरोना कर्फ्यू में अधिक संख्या में निशान चढ़ाने जा रहे लोगों को वहां तैनात सिपाहियों ने मना किया। इससे आक्रोशित होकर लोगों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर से हमला कर दिया। पथराव में तीन सिपाही जख्मी हो गए। इनमें एक महिला सिपाही भी है।
कोविड गाइडलाइन का पालन कराने सिपाहियों की ड्यूटी लगी थी
बहरिया के सिकंदरा स्थित गाजी मियां की मजार है। यहां दूर-दूर से लोग अपनी मुरादें पूरी करने पर निशान चढ़ाने पहुंचते हैं। आज रविवार होने की वजह से यहां भीड़ भी अधिक रहती है। इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए यूपी सरकार ने वीकेंड कोरोना कर्फ्यू लगाया है। यानी शनिवार और रविवार को कोरोना कर्फ्यू लगा है। इसलिए गाजी मियां की मजार पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है ताकि कोविड-19 गाइडलाइन का पालन हो सके।
30-40 लोग मजार पर पहुंचे थे, कोरोना कर्फ्यू में बंद था मजार का ताला
इसी बीच रविवार की दोपहर में थाना सरायममरेज के गोपालीपुर गांव निवासी चंद्र शेखर पुत्र शंभू नाथ का निशान आया था। निशान लेकर 30 से 40 लोग गाजी मियां की मजार की तरफ बढने लगे। मजार में ताला बंद होने की जानकारी उन्हें मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने दी। साथ ही लोगों को वापस जाने को कहा। यह सुनकर निशान लेकर पहुंचे लोग भड़क गए।
घायलों में एक महिला सिपाही भी
सिपाहियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन निशान लेकर आए लोग उनसे गाली-गलौज करने लगे। कुछ सिपहियों ने इसका विरोध किया तो ईंट-पत्थर चलाने लगे। बताते हैं कि निशान में कुछ लोग अपने डंडा भी लिए हुए थे। दोनों तरफ से मारपीट होने लगी जिसमें तीन सापाही घायल हो गए। घायल सिपाहियों में चंद्र बीर, नंदलाल और महिला सिपाही सुमन है।
पथराव करने के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार
पुलिस पर हमले की सूचना पर वहां कई थानों की फोर्स के साथ अधिकारी भी पहुंच गए। तत्काल तीनों सिपाहियों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहरिया में भर्ती कराया गया। वहीं निशान के साथ आई सुशीला देवी, अभिजीत कुमार और चंद्र शेखर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।