प्रयागराज ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाने की तैयारी है। इसके लिए विभाग कवायद कर रहा है। प्रयागराज के नैनी स्थित आइटीआइ परिसर में बनाए गए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआइ) में जल्द ही ट्रैक पर सेंसर लगाया जाएगा। टेस्ट के बाद कम्प्यूटर से रिजल्ट घोषित होगा।
स्थायी डीएल के लिए अब आइटीआइ में हो रहा वाहन चलाने का टेस्ट
दरअसल, स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ आफिस के बजाय नैनी स्थित आइटीआइ में नवनिर्मित डीटीआइ में आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलवाकर परखा जा रहा है। टेस्ट के आधार पर स्थायी लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। सेंसरयुक्त ट्रैक के लिए टेंडर भी हो गया है। कार्यदायी संस्था को करीब 61 लाख रुपये धन अवमुक्त किया जा चुका है।
ऐसे होगा वाहन चालकों का टेस्ट
ट्रैक पर टेस्ट देने के दौरान वाहन चलाने वालों की हर गतिविधि सेंसर जांचेगा। ये सेंसर कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे। ट्रैक गणित के अंक आठ के आकार में बना है। वाहन के ट्रैक पर आने के बाद स्पीड कितनी रही, दाएं या बाएं वाहन को मोडऩे पर एंडीकेटर दिया गया या नहीं। चढ़ाई पर वाहन कैसे बढ़ा और ढाल पर किस तरह उतारा गया। ट्रैफिक सिग्नल का पालन किया या नहीं। वाहन चलाते वक्त कितनी बार नियमों का उल्लंघन किया गया। ये सभी गतिविधियां सेंसर जांचेगा। इसके बाद कंप्यूटर से रिजल्ट मिलेगा। इसी के आधार पर स्थायी डीएल जारी किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी होगी। ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर छोटी कार से ही टेस्ट दे सकेंगे।
एआरटीओ प्रशासन ने दी जानकारी
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा कहते हैं कि ड्राइविंग टेस्ट के लिए ट्रैक पर सेंसर और उच्च गुणवत्ता का कैमरा लगाया जाएगा। कंप्यूटर पर ही रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
(भाषा इनपुट DJ से)