प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा के छात्र संगठन ABVP का सूपड़ा साफ हो गया है. वाराणसी में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की ऐतिहासिक जीत हुई है, इस चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI और समाजवादी पार्टी की छात्र यूनिट के पैनल को बड़ी सफलता मिली है.
एनएसयूआई ने यहां उपाध्यक्ष, महामंत्री समेत 6 संकाय प्रतिनिधि पदों पर कब्ज़ा किया है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कुल 8 संकाय हैं, जिनमें से 6 पर NSUI ने कब्ज़ा कर लिया है. NSUI के संदीप पाल उपाध्यक्ष चुने गए हैं, वहीं प्रफुल्ल पांडेय महामंत्री बने हैं. वहीं सपा की छात्र यूनिट की विमलेश यादव अध्यक्ष चुने गए हैं.
नीचे जीते हुए उम्मीदवारों के नाम हैं:-
विमलेश यादव अध्यक्ष (सपा)
उपाध्यक्ष संदीप पाल (NSUI)
महामंत्री प्रफुल्ल पांडे (NSUI)
पुस्तकालय मंत्री आशीष गोस्वामी (निर्दलीय)
वाराणसी पहले से ही भाजपा-आरएसएस का गढ़ रहा है. ऊपर से प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के चलते वाराणसी पर सबकी नजर रहती है. बनारस के हिन्दू धार्मिक स्थल होने के कारण भाजपा को हमेशा उसका फायदा मिलता रहा है. लेकिन आरएसएस और भाजपा की नन्हीं पौध यानी ABVP (अखिल भारतीय विद्या परिषद) का बनारस में एक भी सीट न लाना बड़ी बात है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्र संघ के चारों पैनल में से एक भी सीट ABVP नहीं जीत सकी है.
जिस तरह सपा और कांग्रेस के छात्र संगठनों को इस चुनाव में सफलता मिली है, वो इन दोनों पार्टियों के लिए उत्साहजनक हो सकता है. यूपी में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में हर एक चुनाव चाहे वह विश्वविद्यालय का हो, चाहे वह विधानसभा का उपचुनाव हो, वह प्रदेश की जनता में राजनीतिक सन्देश देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.