पुलिस की गिरफ्त में आखिर आई ‘लेडी नटवरलाल अनामिका शुक्ला

Share this news

उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में बीते साल 2020 में एक बड़ा भ्रष्टाचार देखने को मिला था, जब अनामिका शुक्ला नाम की एक महिला रायबरेली सहित यूपी के 5 जिलों में एक साथ कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विज्ञान विषय की पूर्णकालिक शिक्षिका के रूप में नौकरी करती पाई गई थी. मामला मीडिया में आने के बाद अनामिका शुक्ला की खोज की गई, लेकिन विभागीय प्रयास असफल हुए जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी रायबरेली की तरफ से एक एफआईआर दर्ज कराई गई और अनामिका की खोज में रायबरेली की पुलिस लग गई.

बढ़ते समय के साथ अनामिका की खोज इनामी के रूप में होने लगी क्योंकि अनामिका के ऊपर रायबरेली पुलिस ने ₹15000 का इनाम भी घोषित कर दिया. दिन हफ्तों में हफ्ते महीनों में बीतते चले गए पर अनामिका का कोई पता ना चला. बछरावां एसएचओ और पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार की लगातार प्रयासों के बाद भी अनामिका पुलिस की पकड़ से दूर रही

पर अब सरकार को लाखों का चूना लगाने वाली अनामिका शुक्ला को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और इस तरह से एक और नटवरलाल पुलिस की गिरफ्त में आ गई.

अनामिका शुक्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बछरावां में नौकरी करने वाली युवती को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. उसके ऊपर रायबरेली पुलिस ने 15 हजार का इनाम घोषित किया था. मालूम हो कि इसी तरह गोंडा व अंबेडकरनगर में भी अनामिका के नाम से शिक्षक की नौकरी का मामला पकड़ में आया था. संबंधित जिलों में भी कार्रवाई की गई है. असली अनामिका गोंडा जिले की रहने वाली है.

आरोपी अनामिका शुक्ला का असली नाम मंजेश कुमारी उर्फ अंजली है, जो कि कन्नौज जनपद के रामपुर बेहटा थाना सौरिख की रहने वाली है. वह पिछले करीब छह महीनों से लखनऊ के ठाकुरगंज में निजी अस्पताल में नर्स की नौकरी कर रही थी. इस बार उसने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र लगाए थे. पुलिस ने उसे हॉस्पिटल से गिरफ्तार कर लिया. आठ मार्च 2019 को मंजेश ने खुद को अनामिका शुक्ला बताकर बछरावां के विद्यालय में फुल टाइम टीचर की नौकरी हासिल कर ली थी. सात मार्च 2020 को वह होली की छुट्टी पर चली गई. जिसके बाद 14 मार्च को उसे आना था, लेकिन उसने फिर छुट्टी ले ली.

इसी बीच कोरोना की पहली लहर आ गई और लॉकडाउन लगा दिया गया. वहीं मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों व अधिकारियों का डेटा फीड किया जाने लगा, जिसमें मंजेश का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. बाद में दीक्षा एप पर जब विद्यालयवार डेटा फीडिंग कराई गई तो पूरा मामला सामने आ गया. बीएसए के निर्देश पर 20 जून 2020 को फर्जी अनामिका शुक्ला के खिलाफ बछरावां थाने में केस दर्ज कराया गया. तब से उसकी तलाश की जा रही थी और उस पर इनाम भी घोषित कर दिया गया था.

सूत्रों का कहना है कि मंजेश ने ही अनामिका शुक्ला के नाम से सेंट्रल बैंक आफ इंडिया रायबरेली में खाता खुलवाया था. खाते के साथ आधार कार्ड लिंक नहीं था. इसी वजह से उसे हर बार रायबरेली आकर सैलरी निकालनी पड़ती थी. विभाग के बाबू को कई बार आधार कार्ड लिंक कराने को कहा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. उसका फर्जीवाड़ा एक साल तक पकड़ में नहीं आया और वह तनख्वाह लेती रही. अनामिका प्रकरण में आरोपी मंजेश कुमारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस टीम अभी उससे पूछताछ कर रही है.

(भाषा इनपुट से)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!