ब्राजील ने भारत बायोटेक के साथ कोवैक्सीन के लिए किए गए सौदे को सस्पेंड करने का फैसला लिया है. ब्राजील में इस डील पर काफी सवाल खड़े हो रहे थे, जिसके बाद अब 32 करोड़ डॉलर के इस कॉन्ट्रैक्ट को सस्पेंड कर दिया गया है.
मंगलवार को ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो ने इसका ऐलान किया. डील के मुताबिक, ब्राजील को भारत बायोटेक से कुल 2 करोड़ वैक्सीन की डोज़ खरीदनी थीं. लेकिन इस सौदे को लेकर ब्राजील में सवाल खड़े किए गए और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनेरो पर भ्रष्टाचार को छुपाने के आरोप लगाए गए.
व्हीसलब्लोअर द्वारा लगातार ब्राजीली सरकार को घेरा गया, सरकार की ओर से सफाई भी दी गई लेकिन उसका कोई फर्क नहीं पड़ा. अब जब ये मामला ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तब ब्राजील सरकार ने इस डील को रद्द करने का फैसला लिया.
ब्राजीली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जबतक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है तबतक कोवैक्सीन के लिए की गई डील सस्पेंड ही रहेगी. हालांकि, ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बार-बार दावा किया गया है कि इस डील में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है.
डील में किस तरह की गड़बड़ी के आरोप थे?
दरअसल, इस डील को लेकर आरोप लगाया गया था कि ब्राजील से स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन खरीदने का दबाव बनाया गया था. इस बारे में राष्ट्रपति जायर को जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद वो डील को नहीं रोक पाए और ब्राजील को महंगी कोवैक्सीन खरीदनी पड़ी.
ब्राजील में इस डील को लेकर जब से गड़बड़ी की बात सामने आई थी, तभी से राष्ट्रपति जायर हर किसी के निशाने पर थे. संसदीय पैनल भी कोरोना प्रबंधन को लेकर जांच कर रहा है, जिसके सामने ये मामला भी उठा.
सवाल ये भी था कि ब्राजील के पास फाइज़र की वैक्सीन खरीदने का ऑप्शन था, लेकिन उसने भारत बायोटेक से महंगी वैक्सीन खरीदी, अगर गड़बड़ी के आरोप साबित होते तो राष्ट्रपति जायर की कुर्सी पर संकट खड़ा हो सकता था.
(भाषा इनपुट आज तक)