फर्स्ट इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर रहे एके निगम ने की तीन मोटरसाइकिल की पहचान की, कोर्ट में दी गवाही
एमपीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया माल मुकदमा
17 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी पर 2010 में हुए जानलेवा हमले और बम विस्फोट मामले में शामिल आरोपियों की मुश्किल बढ़ने वाली है। क्योंकि घटना में प्रयुक्त उन मोटरसाइकिलों की पहचान कर ली गई है, जिनका इस्तेमाल विस्फोट करने के लिए किया गया था। गुरुवार को एमपीएमएलए कोर्ट में फर्स्ट इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर रहे एके निगम ने मोटर साईकिल की पहचान की। अगली सुनवाई अब 17 अप्रैल को होगी। आज सुनवाई के दौरान एडवोकेट जेपी शर्मा जी वरिष्ठ अधिवक्ता दिल्ली हाईकोर्ट भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनीतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर 2010 में हुए जानलेवा हमले के मामले की गुरुवार को एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई।
मामले के आरोपी दिलीप मिश्रा, विजय मिश्र और महेंद्र पांडे द्वारा जानलेवा हमला कराए जाने की गवाही कोर्ट में देने वाले और अहम तथ्यों का खुलासा करने वाले तत्कालीन फर्स्ट इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर रहे एके निगम ने गुरुवार को घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल की पहचान की।
मंत्री नन्दी पर 2010 में हुए हमले में 6 मोटरसाइकिल डैमेज हुई थी, जिसमें बजाज सनी शामिल थी, जिसमें rdx और रिमोट बम लगाया गया था। 6 मोटरसाइकिल में बजाज सनी समेत तीन मोटरसाइकिल आज कोर्ट में पेश की गई, जिसकी शिनाख्त फर्स्ट इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर ने की। कोर्ट ने अन्य माल मुकदमा को 17 अप्रैल की अगली डेट में पेश करने का आदेश पुलिस को दिया।
माफिया दिलीप मिश्रा, विधायक विजय मिश्रा और महेंद्र पांडे घटना के मुख्य आरोपी हैं।