प्रयागराज: विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में ऑनलाइन गैंबलिंग के खिलाफ याचिका,
हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार के साथ निजी पक्षकारों को जारी किया नोटिस,
समाजसेवी शिमला श्री त्रिपाठी ने दाखिल की है जनहित याचिका,
याचिका में आरोप देश और प्रदेश में लगभग 500 वेबसाइट पर ऑनलाइन गैंबलिंग चल रही है,
भारत में गैंबलिंग एक्ट 1867 के प्रावधानों के यह विपरीत और दंडनीय है,
ऑनलाइन गैंबलिंग मानव कौशल पर आधारित न होकर संयोग पर आधारित है,
इसलिए इसे जुआ की परिभाषा में माना जाता है,
इसके तहत एक रंग चुनना होता है रंग के आने पर आर्थिक लाभ और न आने पर आर्थिक हानि होती है,
पहले 7 व 3 के आधार पर लाभ और बाद में 3 व 7 के अनुपात में सुनियोजित हानि होती है,
कभी-कभी वेबसाइट बंद हो जाती है और दूसरी खुल जाती है,
ऐसा होने पर खेलने वाला बहुत आर्थिक नुकसान उठा लिया होता है,
ऑनलाइन गैंबलिंग का पैसा विदेशों में जाता है,
देश का पैसा बाहर जाना हवाला के समान देश के पैसे का अपहरण है,
ज्यादातर पैसा चीन स्थित वेबसाइट को जाता है,
क्योंकि खेलने वाला पेटीएम के माध्यम से भुगतान करता है,
याचिका में इस पर रोक लगाने की मांग की गई है,
याचिका में 150 वर्षों से भी ज्यादा पुराने अधिनियम को बदलने की भी मांग की गई है,
मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी,
एक्टिंग चीफ जस्टिस एमएन भंडारी की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई।