फर्जी मार्कशीट सर्टिफिकेट बनाने के 07आरोपितों को 7 वर्ष की कैद, 17हज़ार का अर्थदंड,20 वर्ष बाद हुआ फैसला.
प्रयागराज विधि संवाददाता विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाई स्कूल इंटरमीडिएट इत्यादि की फर्जी अंक पत्र एवं फर्जी सर्टिफिकेट को बनाने एवं तमाम फर्जी अंक पत्र सर्टिफिकेट के साथ इसे बनाने की सामग्री सहित गिरफ्तार आरोपितों को अदालत ने सात-सात वर्ष की कैद एवं अर्थ दंड से दंडित किया दौरान मुकदमा तीन आरोपित राजकुमार अकेला, राजेंद्र यादव तथा सागर यादव की मृत्यु हो जाने के कारण इन तीनों के विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी गई थी एक आरोपित सुरेश माली को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया.
यह आदेश अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मानस वत्स आरोपितों के अधिवक्ताओं के विस्तृत तर्कों को सुनने तथा सहायक अभियोजन अधिकारी के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूत का अवलोकन करने के बाद दिया न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपना कथानक संदेह से परे साबित करने में सफल रहा है इसलिए आरोपित गण दंडित किए जाने के योग्य हैं हालांकि आरोपितों की ओर से तर्क दिया गया की प्रथम अपराध है इसलिए कम से कम दंड से दंडित किया जाए न्यायालय ने दंडित किए गए सभी आरोपितों को हिरासत में लेकर नैनी कारागार भेज दिया
इनको किया गया दंडित ललित कुमार,अरविंद कुमार, अनुज कुमार ,हरी लाल यादव ,शिव प्रकाश मिश्रा ,रवि कुमार तथा विनोद
यह रहा मामला
18.7.2004 को एस०ओ० परशुराम सिंह अन्य पुलिस कर्मियों के साथ बातचीत कर रहे थे कि जरिए मुखबिर सूचना मिलने पर राजेद्र यादव के मकान नम्बर 88/3 जो केन्द्राचल कालोनी के पीछे गली में एक बारगी पहुँचकर दरवाजा खुलवाकर देखा गया तो कुछ लोग खरीद फरोख्त की बातें कर रहे थे तथा सागर यादव जो राजेन्द्र यादव का लड़का है जो रागें के ब्लॉक अक्षरों से सर्टिफिकेट पर अंक लिख रहा था कि हम पुलिस वालों को देखकर एक बारगी सकपका गये मैजूद कमरों में से बारी बारी नाम पता पूछते हुए कमरे की तलाशी ली गई मेज की दराज व आलमारी के अन्दर से फर्जी कूट रचित सर्टिफिकेट बनी व नई सादी प्राप्त हुई जिनका विवरण है.
राजेन्द्र यादव, सागर यादव, ललित कुमार यादव, अरविन्द कुमार यादव उपरोक्त फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करने वाले व बेचने वाले हैं तथा फर्जी सर्टिफिकेट खरीदने वाले अनुज कुमार शर्मा, हरि लाल यादव, शिव प्रकाश मिश्रा विनोद कुमार, रवि कुमार जायसवाल मेज की दराज व कमरे की आलमारी खोलकर देखा गया तो सादी हाईस्कूल की सनद इंटरमीडिएट की सनदें वर्ष 2004 की एक अदद 2003 की तीन अदद, 2001 की दो अदद, 1999 की एक अदद, 1997 तथा 90 की एक – एक अदद तथा बी०ए० की सादी सनदें इलाहाबाद विश्वविद्यालय बीकाम की चार अदद छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर एमए की दो अदद व एमकाम की दो अदद. गोरखपुर विश्वविद्यालय बीएससी की 5 अदद इलाहाबाद विश्वविद्यालय एमए की एक अदद, पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर बीएससी की एक अदद, बीएड की सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय की एक अदद, एनएसएस की एक अदद कुमांयु विश्विद्यालय नैनीताल की दो अदद प्राविधिक शिक्षा परिषद उ०प्र० की एक अदद, एनसीसी की दो अदद प्राविधिक व्यवसाय चिक अंकपत्र की एक अदद, इलाहाबाद विश्विद्यालय की माईग्रेशन एक अदद, हाईस्कूल स्कूल अंकपत्र व बी०ए के सादे अंकपत्र विभिन्न विश्वविद्यालय जैसे वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय छत्रपति साहू जी महाराज, कानपुर विश्वविद्यालय श्री शाहू जी विश्वविद्यालय व पूर्वान्चल विश्वविद्यालय के कुल 67 अदद तथा कूटरचित विभिन्न विश्व विद्यालयों के अंकपत्र 18 अदद तथा कूटरचना का उपकरण अंक लिखने मिटाने के लिये 35 अदद रांगे का ब्लॉक अक्षर व रबर पैड नीली काली व लाल तथा मुहर 11 अदद विभिन्न इंटर कालेज प्रधानाचार्य सचिव व अपठित हस्ताक्षरों की बरामद हुई जिन्हें कारण बताते हुए समय करीब 15.30 बजे अभियुक्तों को बाजाब्ता हिरासत में लेकर बरामद कूटरचित दस्तावेजों को वउपकरणों का कब्जा पुलिस में लेकर अभियुक्त सरगना राजेन्द्र यादव से पूंछताछ किया तो बताया कि राजकुमार अकेला निवासी सुलेमसराय व सुरेश प्रिन्टिंग प्रेस निवासी कर्नलगंज इलाहाबाद के मालिक सुरेश भी इस कार्य में शामिल है सुरेश द्वारा अपने प्रिन्टिंग प्रेस में सर्टिफिकेट प्रिन्ट किया जाता है तथा राजकुमार अकेला टाइपिंग करता है तथा मैं व मेरे बच्चे उपरोक्त अंकों को प्रिन्ट करने व रोल नम्बर के अंक लिखने में सहयोग करते हैं। मेरे कार्य में सुरेश अपने प्रिन्टिंग प्रेस से प्रोफामा तैयार करता है तथा राजकुमार अकेला कम्प्यूटर व टाइप राइटर पर अंक व नाम का उद्धरण करता है। राजेन्द्र आदि ने पूछने पर बताया कि एक सर्टिफिकेट का दाम 1000 रूपया से 5000 रूपया तक लेते हैं तथा कार्यानुसार आपस में पैसे का वितरण करते हैं यह धन्धा वर्ष 1986 से कर रहा हूँ जिसमें हजार सर्टिफिकेट विभिन्न जनपदों व राज्य के बाहर भी बनाकर दे चुका हूँ।
इस प्रकार उक्त गिरोह द्वारा उ०प्र० के सभी स्तर के शिक्षण संस्थाओं विश्वविद्यालयों की व अन्य प्राविधिक व स्वंयसेवी संस्थाओं की परीक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। संभव है हजारों लोग सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में इसके गैंग द्वारा कूटरचित सर्टिफिकटों के आधार पर नौकरी कर रहे होंगे।
राष्ट्र स्तर पर शैक्षिक व्यवस्था को ध्वस्त करने का यह घृणित कार्य इस संगठित गिरोह द्वारा किया जा रहा है। उपरोक्त फर्द बरामदगी के आधार पर थाना धूमनगंज में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचनोपरान्त विवेचक द्वारा अभियुक्तगण उपरोक्त के विरूद्ध धारा 419,420,467,468,471 भारतीय दण्ड संहिता में आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।