केरल, दिल्ली के बाद तमिलनाडु में मंकीपॉक्स के मामले मिलने के बाद यूपी सरकार अलर्ट हो गई है. यूपी सरकार ने राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि पड़ोसी राज्यों में मंकीपॉक्स के केस आने पर सावधानी बरतने की जरूरत है.
ऐसे में सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा है.
राज्य सरकार ने मंकीपॉक्स को देखते हुए कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में प्रत्येक में 10 बेड आरक्षित किए हैं. इसके अलावा, सरकार ने कहा है कि निगरानी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, फ्रंट लाइन के वर्कर्स (एएनएम और आशा) को प्रशिक्षित किया जाएगा. सरकार ने राज्य भर में निगरानी तेज करने के निर्देश जारी किए हैं.
बताते चलें कि केरल के बाद दिल्ली में रविवार को मंकीपॉक्स का केस सामने आया है. बाद में तेलंगाना के कामारेड्डी जिले में विदेश से लौटे एक शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे हैं. राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक जी श्रीनिवास राव ने बताया कि रविवार को बताया कि कामारेड्डी जिले के इंदिरानगर कॉलोनी के 40 वर्षीय व्यक्ति को हैदराबाद के फीवर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह शख्स कुवैत से 6 जुलाई को आया था. 20 जुलाई को इसे बुखार आया. इसके बाद शख्स के शरीर पर 23 जुलाई को चकत्ते पड़ने लगे जिसके बाद उसे कामारेड्डी जिले के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
दिल्ली में मिला मंकीपॉक्स का पहला मरीज
दिल्ली में भी रविवार को मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पहले मरीज का टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया है. फिलहाल वो लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती है और उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि दो दिन पहले LNJP अस्पताल में भर्ती हुए इस मरीज को बुखार था और स्किन में खरोच थी. ये ठीक वैसी ही थी जैसी मंकीपॉक्स में होता है. इसलिए मरीज का सैम्पल पुणे भेजा गया था जो आज पॉजिटिव पाया गया है.
मंकीपॉक्स के मद्देनजर एयरपोर्ट और पोर्ट हेल्थ ऑफिसर्स के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के क्षेत्रीय निदेशकों को सभी इंटरनेशनल ट्रैवलर्स की कड़ी स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. पहली बार मंकीपॉक्स बीमारी 1958 में सामने आई थी. तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में यह संक्रमण मिला था. इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है.