अगर आसमान में चांद न होता तो कोई प्यार मुहब्बत की कल्पना भी नही कर सकता , ब्रमांड में चंद्रमा का जो भी महत्व हो लेकिन ज़मीन पर चांद की परिकल्पना किये बगैर प्रेमी का प्रेम अधूरा है माँ की ममता भी आधी है। ये साबित भी हुआ है प्रयागराज के संगीत समिति के मुक्तागन में।
दरअसल आज कोरस संस्था ने चांद की थीम पर एक संगीत संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया आओ तुम्हे चांद पर ले जाये– नाम से आयोजित इस संगीत संध्या में सीनियर सिटीजन के अलावा युवाओं ने भी चांद पर एक से बढ़ कर एक गाने गाएं ,हर्ष टंडन ने जहाँ प्रेमिका को रिझाने वाला गाना सुनाया तो वही संस्था के युवा सदस्य फैसल आफ़क अंसारी ने भी प्रेमिका के लिए चांद क्या ओहदा रखता है इस पर गाने गाए।
कोरस संस्था एक ऐसी संस्था है जिसके सदस्य सभी कपल ही है इन कपल ने आज चांद की थीम पर एक से बढ़कर एक पुराने गांनो को अपनी आवाज़ दी ,इस संगीत संध्या का आनंद लेने के लिये पूरा परिसर लोगो से भरा रहा रहा.
कोरस संस्था हर साल इस तरह की संगीत संध्या आयोजित करती है लेकिन इस बार ये कार्यक्रम चंद्रयान 3 की सफलता में इसरो को समर्पित किया गया था। इसलिए माँ के लिये चांद और प्रेमी प्रेमिका के लिए चांद का क्या क्या महत्व है इसको गाने के साथ विज़वालईज़ करके भी समझाया गया।