अभाविप ने छात्रों की विभिन्न मांगों एवं शिक्षक भर्ती में धांधली रोकने की सौंपा ज्ञापन।
इविवि कुलपति एवं पूर्व प्रो. मनमोहन कृष्णा के करीबियों की विश्वविद्यालय में नियुक्ति के हो रहे प्रयास निंदनीय: आलोक त्रिपाठी
भ्रष्टाचार के हत्थे चढ़ी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया: अभाविप
छात्रावासों में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि का निर्णय निंदनीय: अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा आज छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय एवं एफआरसी कार्यालय का घेराव कर छात्रों की विभिन्न मांगों एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शिक्षक भर्ती में सुचिता एवं पारदर्शिता बनाए रखने को ज्ञापन सौंपा गया। अभाविप इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावासों के शुल्क को प्रतिवर्ष 10% बढ़ाए जाने का विरोध किया है, वहीं शिक्षक भर्ती हेतु आगामी साक्षात्कार में कुलपति महोदया एवं विवि से सेवानिवृत्ति प्रो. मनमोहन कृष्णा के करीबी की चयन प्रक्रिया में विश्वविद्यालयी तंत्र के सहयोग की बात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय पर तीन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष छात्रावासों के शुल्क में 10% वृद्धि किए जाने के निर्णय, विश्वविद्यालय में 60% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का छात्रवृत्ति देने हेतु फॉर्म भरवाकर छात्रवृत्ति न देनेविश्वविद्यालय में गरीब छात्र कोष संबंधित अनियमितता और भ्रष्टाचार के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है। वहीं एफआरसी कार्यालय पर आगामी 7 और 8 अगस्त को प्रस्तावित साक्षात्कार में विवि के कुलपति के करीबी एवं वर्तमान में रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलानुशासक अविनाश कुमार श्रीवास्तव एवं विवि के सेवानिवृत्ति प्रो. मनमोहन कृष्णा के करीबी एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सहायक आचार्य के साक्षात्कार में विवि प्रशासन की संलिप्तता को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ज्ञापन सौंपा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के इकाई अध्यक्ष आलोक त्रिपाठी ने कहा कि,” इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शिक्षक भर्ती में कुलपति एवं विवि के सेवानिवृत्ति प्रो. मनमोहन कृष्णा द्वारा अपने करीबियों का विश्वविद्यालय में चयन हेतु सहयोग प्रदान करने की बात बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही भर्ती में पिछले सप्ताह भी चयनित शिक्षकों में एक व्यक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत थे और यहां EWS कोटे में उनका चयन किया गया है वहीं दो अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हेतु नाम नहीं आया फिर भी उनका चयन किया गया। यह दर्शाता है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार के हत्थे चढ़ चुकी है।”
अभाविप इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के इकाई मंत्री आयुष्मान चौहान ने कहा कि,” अभाविप, छात्रावासों में विवि की कार्यकारी परिषद बैठक द्वारा मनमानेपूर्ण तरीके से प्रतिवर्ष 10 % शुल्क वृद्धि ने निर्णय तथा गरीब छात्र कोष (Poor Boys’ Fund) के अनुचित प्रयोग का विरोध करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह स्पष्ट मांग करती है कि इन विषयों को विश्वविद्यालय प्रशासन 48 घण्टे के भीतर संज्ञान ले त्वरित कार्रवाई करे अन्यथा अभाविप उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।”
इस दौरान इकाई उपाध्यक्ष अखिलेश कुशवाहा एवं धीरज पाण्डेय, आशुतोष मिश्र, अमन, प्रीत, अभिषेक यायावर, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।