देहदान से अमर हुए मुन्नी लाल यादव, शिक्षा श्रमजीवियों के लिए जीवन भर करते रहे संघर्ष

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मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के एनाटॉमी विभाग में संचालित देहदान अभियान के अंतर्गत एक अत्यंत प्रेरणादायक देहदान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2011 से चल रहे इस अभियान के तहत यह 108वां देहदान है, जो समाज में जागरूकता, वैज्ञानिक सोच और मानवीय सेवा की भावना को सशक्त करता है।
गंगोत्री हवेलिया, झूंसी निवासी 79 वर्षीय स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [CPI(M)] के सक्रिय सदस्य रहे और झूंसी स्थित लाल चौक के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। सामाजिक न्याय, श्रमिक अधिकारों और गरीबों के हितों के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया और जमीनी स्तर पर निरंतर सक्रिय रहे।
स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव आज़ाद हिंद फ़ौज की वीरांगना कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल के देहदान से गहराई से प्रेरित थे। उसी प्रेरणा के चलते उन्होंने वर्ष 2012 में ही मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के देहदान अभियान के लिए अपना पंजीकरण करा दिया था। लंबी बीमारी के बाद 23 दिसंबर 2025 की भोर मे अस्पताल में उनका निधन हो गया।
निधन की सूचना मिलते ही देहदान अभियान के संयोजक श्री मनोज सैंगर द्वारा एनाटॉमी विभाग के आचार्य डॉ. बादल सिंह को अवगत कराया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णा तिवारी के निर्देशन में डॉक्टरों की एक टीम शव वाहन के साथ स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव के निवास गंगोत्री हवेलिया, झूंसी पहुंची और पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज लाया गया।
मेडिकल कॉलेज में डॉ. कृष्णा तिवारी, डॉ. बादल सिंह, डॉ. निष्ठा सिंह, डॉ. ममता आनंद सहित सभी जूनियर डॉक्टरों एवं मेडिकल छात्रों ने विधिवत सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को स्वीकार किया। यह देहदान आने वाले वर्षों तक मेडिकल छात्रों की शिक्षा एवं प्रशिक्षण में उपयोगी सिद्ध होगा।
स्वर्गीय मुन्नी लाल यादव का देहदान समाज सेवा, वैज्ञानिक सोच और निस्वार्थ जीवन मूल्यों की एक उत्कृष्ट मिसाल है। उनके इस महान कार्य के प्रति पूरा मेडिकल कॉलेज परिवार कृतज्ञ है और उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता है।

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