पुलिस भर्ती बोर्ड विभिन्न जिलों में तैनात कान्सटेबिलो के हेड कान्सटेबिल पदों पर पदोन्नति को तीन माह में निर्णय ले पारित करे आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो अलग-अलग बेंच ने यूपी के विभिन्न जनपदों में तैनात पुलिस विभाग के कान्सटेबिलो को हेड कान्सटेबिल के पद पर पदोन्नति दिए जाने के सम्बन्ध में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ को निर्देश दिया है कि वह तीन माह के भीतर कान्सटेबिलो के मुख्य आरक्षी पद पर पदोन्नति के सम्बन्ध में निर्णय ले उचित आदेश पारित करें।
प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिलों , मुरादाबाद, बरेली, हाथरस, गाजियाबाद, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर, आगरा व अलीगढ़ में तैनात पुलिस विभाग के कान्सटेबिलो ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कर उन्हें हेड कान्सटेबिल पदों पर पदोन्नति दिए जाने की मांग की थी ।
इन कान्सटेबिलो की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि 24 जुलाई 2019 को पुलिस मुख्यालय, प्रयागराज द्वारा वरिष्ठता सूची जारी की गई । इस सूची में 24 हजार 293 सिविल पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस के आरक्षियो की भर्ती की तिथि को उनका बैच मानते हुए 31 दिसम्बर 2009 तक के भर्ती पुलिस कर्मियों को बैचवार अन्तिम वरिष्ठता सूची जारी की गई है । तत्पश्चात 30 दिसम्बर 2020 को 16 हजार 929 आरक्षियो को हेड कान्सटेबिल के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई । जबकि याचीगण का नाम वरिष्ठता सूची में काफी पहले है। याचीगणों से सैकड़ों कनिष्ठ आरक्षियो को हेड कान्सटेबिल के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी गई है।
जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्र व जस्टिस एम सी त्रिपाठी की अलग-अलग एकल बेंच ने भीमराव प्रिया गौतम व अजय कुमार सोनकर व सैकड़ों कान्सटेबिलो की याचिका को निस्तारित करते हुए पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है ।
वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि यूपी पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली-2015 के नियम 5 व 17 मे यह व्यवस्था दी गई है कि जिन आरक्षियो ने 7 वर्ष की सेवा आरक्षी पद पर प्रोवेशन पीरियड को शामिल करते हुए पूर्ण कर ली है, वे मुख्य आरक्षी पद पर पदोन्नति के लिए पात्र होंगे । याचिका में कहा गया था कि याचीगण वर्ष 2005 – 2006 बैच के वरिष्ठ आरक्षी है । इन्होंने 7 वर्ष सेवा से अधिक की सेवा पूरी कर ली है ।
सभी याची पदोन्नति के हकदार हैं । परन्तु अधिकारियों ने मनमानीपूर्ण कार्य करते हुए सैकड़ों कनिष्ठ आरक्षियो को हेड कान्सटेबिल के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी है। याचीगणों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है एवं लागू नियमों की अनदेखी की गई है ।