चक्रवाती तूफान ‘यास’ पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल न होने और इसके कुछ देर बाद मुख्य सचिव के तबादले को लेकर घमासान जारी है. इस बीच ममता ने बड़ा दांव चला है. उन्होंने अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार बनाने का ऐलान किया है. मंगलवार से अलपन बंदोपाध्याय मुख्य सलाहकार के तौर पर काम शुरू करेंगे. वहीं, मुख्य सचिव पद की जिम्मेदारी हरिकृष्ण द्विवेदी को सौंपी गई है.
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव को तीन महीने का एक्सटेंशन देने की अनुमति के लिए 10 मई पत्र को पत्र लिखा था. कोविड की स्थिति को देखते हुए अलपन बंदोपाध्याय को तीन महीने के विस्तार की अनुमति देने की अपील की गई थी.
पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा कि कलाईकुंडा में पीएम ने कभी नहीं कहा कि मेरे साथ हवाई समीक्षा के लिए आओ. पीएम कलाईकुंडा पहुंचे ताकि वो दिल्ली के लिए रवाना हो सकें. उसके बाद क्या हुआ आप सभी जानते हैं. ममता ने कहा कि केंद्र हिटलर और स्टालिन की तरह बर्ताव कर रहा है.
वहीं, ममता के इस कदम के बाद सूत्रों का कहना है कि अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी. उन्हें चार्जशीट दी जाएगी. रिटायर होने के बाद भी कार्रवाई की तैयारी है.
बता दें कि केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली तलब किया था, अलपन को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली बुलाया गया था. लेकिन वो सोमवार को नहीं पहुंचे और बंगाल में ही अपने काम में जुटे रहे. अब केंद्र सरकार अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि नियमों के मुताबिक, अगर अफसर को लेकर केंद्र और राज्य के बीच में कोई विवाद होता है तो केंद्र का फैसला ही माना जाता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगाल में हुई साइक्लोन यास के मसले पर मीटिंग में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्याय पहले तो काफी देरी से पहुंचे और उसके बाद चंद मिनटों में ही निकल गए. इसी के बाद केंद्र ने चीफ सेक्रेटरी पर एक्शन लेना शुरू किया, लेकिन इस बीच ममता ने अलपन को अपना मुख्य सलाहकार बनाकर खेल बदल दिया.