अशरफ के साथ आरोपी बनाए गए मोहम्मद मुस्लिम के परिवार ने धूमन गंज में दर्ज FIR की उच्च स्तरीय जांच जी मांग की।

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उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप इन दिनों माफिया और अपराधियों पर लगाम कसने के मकसद से पुलिस ने एक अभियान शुरू किया था जिसके तहत चुन चुन कर माफिया और भू माफियाओ की संपत्ति जप्त की गई और उनके खिलाफ़ मुकदमे दर्ज किए गए, लेकिन इस अभियान का फायदा भी कुछ लोगो ने अपने फायदे के लिए उठाना शुरू कर दिया, धीरे धीरे कुछ मामले खुल भी रहे जिससे साफ है कि पुलिस अफसरों को गुमराह करके पेश बन्दी के लिए कुछ मामले दर्ज कराए गए है।

ताज़ा मामला धूमन गंज का है जहां सूरज पाल नामक शख्स ने माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का नाम इस्तेमाल करते हुए हुए रंजिशन अतीक के भाई अशरफ ,मोहम्मद मुस्लिम ,खालिद ज़फ़र और मोहम्मद माज़ के खिलाफ रंगदारी मांगने और मारपीट सहित एस. सी. एस. टी. की धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया,

इस घटना में आरोपी बनाए गए मोहम्मद मुस्लिम के भाई हाजी नूर अहमद ने घटना को पूरी तरह फ़र्ज़ी बताते हुए ADG प्रेम प्रकाश,आई जी राकेश सिंह,और एसएसपी अजय कुमार से मिलकर इस मामले की जांच की मांग की है।

मुक़दमे में नामजद किये गए मोहम्मद मुस्लिम के भाई हाजी नूर अहमद ने पुलिस अफसरों को दी गई अर्ज़ी में आरोप लगाया गया की मोहम्मद मुस्लिम की मौजा शाहा ,पीपल गांव में ज़मीन है उसी ज़मीन के आस पास सूरज पाल, कृष्ण कुमार पाल, और उसके सहयोगियों की भी कुछ ज़मीन है इन लोगो द्वारा मोहम्मद मुस्लिम पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था की ये ज़मीन भी उन लोगो को दे दी जाए ताकि बड़े एरिया में प्लाटिंग किया जा सके जब मुस्लिम ने ऐसा करने से मना किया तो सूरज पाल और उसके साथियों ने लगातार फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज करा कर जेल भेजने की धमकी देते रहे, और ब्लैक मेल करते रहे जब मुस्लिम उनके दबाव में नही आये तो इन लोगो ने पुलिस अफसरों को गुमराह करके 6 महीने पहले की घटना दिखा कर पेश बन्दी करते हुए अतीक के भाई अशरफ के साथ नाम जोड़ते हुए मोहम्मद मुस्लिम सहित कई लोगो पर गंभीर धाराओ में मुकदमा दर्ज करा दिया।

मुस्लिम के भाई हाजी नूर अहमद ने अफसरों को बताया की जिस दिन मारपीट और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया गया है उस दिन से लेकर 15 दिन तक वो लखनऊ में थे और 10 /11 2021 को उनकी भतीजी की शादी लखनऊ में थी दौरान मुस्लिम 15 दिनों तक लखनऊ में ही थे प्रयागराज भी नही आये ,मुस्लिम के भाई ने पुलिस अफसरों को बताया कि FIR में जिस दिन घटना की बात कही गयी उस दिन उसी समय वो लखनऊ के एक सरकारी दफ्तर में एक फ्लैट की रजिस्ट्री करा रहे थे ,और वहां लगे सीसी टी वी इसका सबूत भी है ,इसके अलावा उन्होंने मुस्लिम का मोबाइल नम्बर भी अफसरों को दिया ताकि इसकी सीडीआर निकाल कर लोकेशन की तस्दीक की जा सके, मोहम्मद मुस्लिम के भाई नूर अहमद ने इस मामले की उचच स्तरीय जांच की मांग की है और सूरज पाल व उसके सहयोगियों की संपत्ति व ज़मीनो के कई राज़ भी पुलिस को बता कर कार्यवाही की मांग की है।

इस पूरे मामले पर आई जी राकेश सिंह का कहना है की शहर में भू माफियाओ पर कार्यवाही लगातार जारी है, धूमन गंज में अशरफ सहित जो अन्य लोगो पर मुकदमा किया गया है उस पर विवेचना चल रही है मुकदमा पेश बन्दी में किया गया है ये जांच में साफ हो जाएगा, इससे पहले भी इस मुकदमे में आरोपी बनाए गए लोगो की तरफ से जांच की मांग की गई है।

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