प्रयागराज: अधिवक्ता मंच इलाहाबाद ने आज उच्च न्यायालय के सामने अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए किसान आंदोलन की जीत पर विजय दिवस मनाया। इस दौरान हुई सभा का संचालन अधिवक्ता मोहम्मद सईद सिद्दीक़ी, सह संयोजक अधिवक्ता मंच ने किया और इसी क्रम में किसान नेता आशीष मित्तल तथा अधिवक्ता मंच के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के. के. राय, घनश्याम मौर्य, माता प्रसाद पाल, आर. के. गौतम तथा अधिवक्ता मंच के संयोजक राजवेन्द्र सिंह, कपिल देव, शमसुल इस्लाम, नौशाद, सरताज सिद्दीकी, नितेश कुमार यादव, राजीव कुमार आदि लोगों ने अपने विचार प्रकट किया! सभी ने कहा किसान आंदोलन एक वर्ष से अधिक समय से
किसानों की प्रमुख मांग तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही अन्य मांगों को लेकर चल रहा था जिसे अंततः सरकार ने मान लिया तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया तथा msp संबंधी मांग पर एक कमिटी गठित कर दिया जो msp संबंधी समस्याओं के समाधान करेगा. किसानों ने एक ऐसे आंदोलन का नेतृत्व किया जो इतिहास मे एक नया मुकाम हासिल किया जैसे चंपारण का आंदोलन किसान आंदोलन के लिए याद किया जाता है. तमाम विपरीत परिस्थितियों में जिस तरह किसानों ने धैर्य और शांति के साथ एक निरंकुश सत्ता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला उससे दिल्ली में बैठी पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के इशारे पर तीन कृषि काले कानून पास कर इनको कृषि क्षेत्र मे असीमित अधिकार देने वाली सरकार हिल गयी और उसे किसान आंदोलन के सामने झुकना पड़ा। आंदोलन के दौरान 700 से साधिक किसानों ने शहादत दी यही नहीं केंद्र सरकार के गृह राज्य मंत्री के बेटे ने विरोध कर रहे किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया जिसकी पुष्टि SIT की रिपोर्ट ने कर दिया परंतु आज भी अजय मिश्रा गृह राज्य मंत्री के पद पर विराजमान है! यह आंदोलन कई बार उतार चढाव के दौर से गुज़रते हुए अंततः विजयी हुआ और आगे भविष्य में लोकतांत्रिक मूल्यों मे देश के लोगों के समाप्त होती उम्मीद को जगाया और संविधान में प्रदत विरोध प्रदर्शन के अधिकार को मजबूती प्रदान किया है! अधिवक्ताओं का यह भी मानना है कि किसानो से मज़दूरों, युवाओ तथा अन्य लोगों को सीख लेते हुए अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा तभी लोगों के अधिकार व अस्तित्व सुरक्षित रहेगा ! इस सभा में प्रमोद गुप्ता, राजीव, इन्द्रदेव, कपिल देव, शमसुल, राजीव कुमार , बुद्ध प्रकाश, नौशाद, उत्कर्ष, रमेश तिवारी, बैरिस्टर सिंह, रिपुसूदन यदाव, ज्योति भूषण , धर्मेन्द्र सिंह, सरताज अहमद सिद्दीकी, प्यारे मोहन, विकास मौर्य, सुहैल अहमद, अब्दुल मजीद, शमीमुद्दीन खान, मो0आज़म, रमेश कुमार , प्रबल प्रताप, चार्ली प्रकाश, अखिलेश तिवारी, आदि बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल रहे।
द्वारा: राजवेन्द्र सिंह, संयोजक अधिवक्ता मंच इलाहाबाद।