जश्न ऐ ईद मिलाद उन नबी के मौके पर शहर में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे है इन कार्यक्रमो में मोहम्मद साहब के बारे में बता कर उनकी नसीहते लोगो को साझायी जा रही है।
इसी कड़ी में बहादुर गंज के हज़रत शाह मुहिबुल्लाह दायरा के खानखाह में ईद मिलाद उन नबी का जश्न मनाया गया जिसमे मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों ने नातिया कलाम पेश किया और मौलानाओ और हाफिजों ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के जीवन से लेकर इस्लाम के लिये उनके संदेशों को समझाया।
इस मौके पर शाही मस्जिद के पेश इमाम ने नातिया कलाम पेश करने वाले बच्चों को उपहार देकर उनकी हौसला अफजाई की।
पेश इमाम अली मियां ने अपनी तकरीर में कहा कि आज मुसलमान अपने मज़हब को तो मानता है लेकिन उसका ईमान दिन पर दिन कमज़ोर हो रहा हैं । अगर सही मायनों में इस्लाम को जो लोग मानने वाले है वो नमाज़ पढ़े, अली मियां ने कहा कि भागदौड़ की इस ज़िंदगी मे सभी को अपना अपना काम है लेकिन जो धर्म है वो इंसान को इंसान से जोड़ने का काम करता है लिहाजा सभी को इस्लाम के बताए रास्ते पर चल कर एक दूसरे के सुख दुख में शरीक होने चाहिए और नमाज़ पढ़ कर अल्ला से मुल्क और अपने परिवार की सलामती के लिए दुवाएं करनी चाहिए।
अली मिया ने लोगो को समझाया कि काम तो जीवन जीने का एक साधन है लेकिन धर्म हमे ज़िंदगी जीने का मतलब सिखाता है और जीवन के बाद यही काम आता है क्योंकि इंसान जो कमाता है यही राह जाता है , जाता है तो सिर्फ इंसान का अमाल।
इस मौके पर बहादुर गंज के पार्षद मोहम्मद सादिक उर्फ लड्डू ने आये हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।