इलाहाबाद म्युज़ियम मे ध्रुपद समरोह आयोजित
संग्रहालय, उ. प्र. संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ तथा व्यंजना आर्ट एवं कल्चर सोसाइटी, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय ध्रुपद समारोह: परंपरा व नवाचार के दूसरे दिन श्री अभिजीत सुखदाणे, ग्वालियर एवं श्री अभय रुस्तम सोपोरी की प्रस्तुतियों से गुंजायमान रहा।
आज आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में श्री शशि प्रकाश सिंह, भारत के अतिरिक्त सालिसिटर जनरल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. स्वतंत्र बाला शर्मा, पूर्व कुलपति राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, ग्वालियर उपस्थित रहीं। कला साधकों के स्वागत सम्मान से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ प्रथम प्रस्तुति में श्री अभिजीत सुखदाणे ने राग मुल्तानी में रचित बंदिश सुनाई, उनके साथ तानपूरे पर तानिषी सुखदाणे व योगिनी तांबे ने संगत किया। अगली प्रस्तुति में श्री अभय रुस्तम सोपोरी ने संतूर पर राग धानी के साथ ध्रुपद की लहरियाँ बिखेरी उनके साथ डाॅ. अंकित पारिख ने पखावज पर और उनके शिष्य श्री दिव्यांस श्रीवास्तव ने संतूर पर संगत किया।
मुख्य अतिथि श्री सिंह ने सुंदर आयोजन हेतु तीनों संस्थाओं को बधाई देते हुए कहा कि “भारतीय कला व संस्कृति व धर्म के वृहद समागम को अभी हाल में महाकुम्भ के रूप में विश्व ने देखा व सराहा है और भारतीय शास्त्रीय विधा के ध्रुपद गायन को इलाहाबाद संग्रहालय, संगीत नाटक अकादमी व व्यन्जना आर्ट एवं कल्चर सोसाइटी एक समरोह रूप में मना रहा यह स्वागत योग्य तथा सराहनीय है।”
कार्यक्रम का संचालन श्री प्रियांशू श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ मधु शुक्ला ने किया। इस अवसर पल प्रो. जयंत खोत, श्री शैलेन्द्र कपिल, सुश्री सुषमा शर्मा, श्री ए. पी. तिवारी, श्री अरिंदम घोष, श्री विनोद मिश्र सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व कलाप्रेमी उपस्थित रहे।