कैसे तिनके की तरह बिखरा अतीक का परिवार,STF के प्रभारी नवेंन्दु सिंह के कार्यों की जमकर हो रही सराहना

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प्रयागराज में माफिया अतीक के बेटे को मुठभेड़ में मार गिराने वाले STF के प्रभारी नवेंदु सिंह को गैलेंट्री अवार्ड मिलने से पुलिस विभाग में खुशी का माहौल।

अतीक की जिस दौलत को 7 पुश्ते इस्तेमाल कर सकती थी उस अवैध ख़ज़ाने को इसी STF अफसर ने ज़ाप्ति तक पहुँचाई

प्रयागराज में अप्रैल 2023 का महीना अतीक अहमद के परिवार के लिए एक काले अध्याय के तौर पर जाना जाएगा ,उमेश पाल हत्याकांड के बाद हुई कार्यवाही में जहां शाईस्ता परवीन की गोद सुनी हुई वहीं 15 अप्रैल को शाईस्ता का सुहाग भी उजड़ गया , अतीक के सबसे दुलारे बेटे असद और शूटर गुलाम को जहां STF के प्रभारी रहे नावेंदु सिंह ने मुठभेड़ में मौत दी थी तो वहीं अतीक और अशरफ को पुलिस कस्टडी में 3 शूटर्स अरुण लवलेश और शनि ने ताबड़ तोड़ गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया था। बेटे की मौत का सदमा खत्म होता उससे पहले ही शाईस्ता को एक बड़ा ज़ख्म मिल गया ,जो इस परिवार के लिए हमेशा काले अध्याय के तौर पर जाना जाएगा जिसको लोग कभी भूल नही सकते ।

सरेआम उमेश पाल हत्याकांड करके अतीक अहमद गैंग ने पूरे देश मे अपनी हनक बना ली थी लेकिन STF के प्रभारी नवेंदु सिंह ने अतीक के इस गिरोह को मिट्टी में मिलने की ठानी और सबसे पहले अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए झांसी में अतीक के बेटे को मार गिराया, उस वक्त लोग यही सोच रहे थे की कुछ भी वो पुलिस या STF अतीक के बेटे को तो नही मारेंगी लेकिन STF के वीर CO नवेंदु सिंह ने झांसी में अतीक के चहेते बेटे को मौत देकर ये साबित कर दिया की अपराधी चाहे कितना बड़ा हो बक्शा नही जाएगा ,नवेंदु सिंह को इसी बहादुरी के लिए उनको गैलेंट्री अवार्ड दिया गया है।

माफिया अतीक अहमद के 5 बेटे थे और अतीक ने अपने पाँचो बेटे के लिए इतनी दौलत बनाई थी की अतीक के परिवार की 7 पुश्तों को भी पैसो के लिए काम करने की ज़रूरत नही थी ,लेकिन कहते है की अपराध से कमाया धन परिवार के काम नही आता हुआ भी अतीक और अतीक के परिवार के साथ ऐसा ही, 14 अप्रैल को अतीक के सबसे चहेते बेटे असद की कसारी मसारी कब्रिस्तान में कब्र खुदी तो दूसरे ही दिन अतीक और अशरफ की उसके बगल में कब्र खोदी गई , भले ही अतीक ने अपने परिवार के लिए अकूत दौलत बनाई थी लेकिन ,साथ कुछ नही गया बल्कि मिली भाई बेटे और खुद को सिर्फ दो ग़ज़ ज़मीन जिस पर कोई फूल भी चढ़ाने से डरता है।

प्रयागराज में STF प्रभारी नवेंदु सिंह ने अपने कार्यकाल में न केवल असद और गुलाम को कब्र तक पहुँचाया बल्कि अतीक के IS 227 की भी कब्र खोद दी थी चुन चुन कर अतीक के गुर्गो को पकड़ा और सलाखों के पीछे भेजा , अतीक की अवैध सम्पत्तियों को भी काफी हद तक नवेंदु सिंह ने खोजी ,और उसे जप्ती की कार्यवाही तक पहुँचाया , 2017 के बाद से आज 2024 तक अतीक की अब तक 2 हज़ार करोड़ की प्रॉपर्टी पर कार्यवाही हुई है जिसका अधिकतर श्रेय ईमानदार अफसर नवेंदु सिंह को जाता है।

अब हालात ये है की कभी अगर अतीक के बेटे अगर वापसी भी करते है तो उनके पास न सर छुपाने की जगह बचेगी और न ही पिता की बनाई हुई दौलत , प्रयागराज में अपने कार्यकाल में इस STF के अफसर ने अतीक और अतीक के गुर्गो को ही सिर्फ नको चने नही चबवाये बल्कि नवेंदु सिंह ने चित्रकूट के कई डकैतों से सीधा लोहा लेकर उनको मौत दी थी इसके अलावा मुख्तार अंसारी का भी प्रयागराज में नेटवर्क तोड़ कर कई शूटरों को मुठभेड़ में ढेर किया था।

अब नवेंदु सिंह को स्वतंत्रता दिवस पर वीरता पुरस्कार मिला तो प्रयागराज के लोगो मे खुशी है उनका कहना है की STF में नवेंदु सिंह ने जो इतिहास रचा है माफिया राज खत्म करके उसको कभी भुलाया नही जा सकता।

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