अतीक अहमद के बेटे असद को पुलिस ने कैसे घेरा, 10 प्‍वाइंट्स में पढ़ें एनकाउंटर की कहानी

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पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की हत्या के आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. साथ ही शूटर गुलाम को भी पुलिस ने ढेर कर दिया है. दोनों पांच-पांच लाख रुपये के ईनामी थे. पुलिस लगातार असद और अन्य आरोपियों की तलाश कर रही थी.

01: असद झांसी से मध्यप्रदेश भागने की फ़िराक में था. असद उमेश पाल की हत्याकांड को अंजाम देने के बाद लखनऊ गया. लखनऊ से कानपुर फिर वहां से लगभग एक हफ़्ते मेरठ रहा. मेरठ से वो दिल्ली के संगम विहार गया. वहां से फिर यूपी गया और झांसी शहर से मोटरसाइकिल से मध्यप्रदेश जा रहा था.

02: यूपी एसटीएफ रात से ही झांसी के कई इलाकों में छापेमारी कर रहे थे. अतीक के गैंग के एक सदस्य ने पुलिस को मुखबरी की थी. एनकाउंटर दिन के करीब 12 बजे झांसी के बड़का गांव के पारीछा डैम के पास हुआ. जो झांसी से करीब 7 किलोमीटर दूर है.

03: इस मुठभेड़ में 12 पुलिसकर्मी शामिल थे. इसमें 2 डिप्टी एसपी और 2 इंस्पेक्टर भी शामिल थे. घटनास्थल से 2 विदेश पिस्टल भी बरामद हुआ है. मुठभेड़ के दौरान 40 राउंड फायर हुए हैं. झांसी के बबीना रोड पर ये एनकाउंटर हुआ है. 

04: असद और गुलाम दोनों के पास नए सिम कार्ड और नए फोन थे. इनके पास से विदेशी हथियार भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि असद और गुलाम ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाब में पुलिस ने फायरिंग की. इस दौरान ही दोनों मारे गए.

05: असद पुलिस से बचने के लिए प्रयागराज, दिल्ली और अजमेर में कई दिनों से छुपने की कोशिश कर रहा था. उमेश पाल की हत्या के बाद असद प्रयागराज से कानपुर गया, जहां से बस पड़कर दिल्ली आया, फिर यहां से अजमेर गया. असद फरारी के दौरान अतीक अहमद के कॉन्ट्रैक्ट का इस्तेमाल कर रहा था. इस दौरान असद पिता अतीक अहमद से भी सम्पर्क में था.

06: दरअसल उमेश पाल पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे. प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार इस मामले से जुड़े आरोपियों की तलाश में जुटी थी.

07: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असद को दिल्ली में मदद करने वाले तीन आरोपियों को पकड़ कर यूपी एसटीएफ को सौंपा था. उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी असद और गुलाम को दो हथियार तस्करों ने दिल्ली में शरण दी थी. पिछले महीने असद छिपने के लिए दिल्ली आ गया था, यहां उसके पुराने ड्राइवर और दो हथियार तस्करों ने उसे छिपने में मदद की थी.

08: पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार वह दक्षिण व पश्चिम दिल्ली के अलावा अन्य जगहों पर 15 दिनों तक छिपा रहा था. बाद में उसने दिल्ली से भी अपना ठिकाना बदल लिया.

09: यूपी एसटीएफ की सूचना पर पिछले महीने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट ने असद के मददगार तीन आरोपितों को आर्म्स एक्ट में मामले में दबोच कर यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था.

10: एडीजी अमिताभ यश ने एनडीटीवी को बताया कि असद और गुलाम दोनों के पास नए सिम कार्ड और नए फोन थे. इनके पास से विदेशी हथियार भी मिले हैं. बताया जा रहा है कि असद और गुलाम ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाब में पुलिस ने फायरिंग की. इस दौरान ही दोनों मारे गए.

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