विधायक ने अतीक की IS 227 से नाम तो हटवा लिया लेकिन कम भु माफिया वाला जारी ,शुरू हुई जांच तो हुआ खुलासा.

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विधायक की नामी-बेनामी संपत्ति की जांच शुरू
करोड़ों की बंजर जमीन पर प्लाटिंग की शिकायतें, माफिया अतीक संग रिश्तों की जांच हो रही.

प्रयागराज के एक विधायक की नामी-बेनामी संपत्ति की जांच शुरू हो गई है। करोड़ों की सरकारी जमीन, बंजर भूमि कब्जा करने, प्लाटिंग करने का मामला प्रशासन और पुलिस अफसरों तक पहुंचा है। ये विधायक पहले भी माफिया अतीक अहमद संग रिश्तों की जांच के घेरे में आए थे।

अतीक अहमद और उसके गैंग आईएस-227 के मेंबरों के साथ प्रयागराज से कौशांबी तक कई प्लाटिंग, जमीन और मकान बनाकर बेचने का मामला भी विधायक के साथ जुड़ा रहा है। माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद पुलिस और ईडी की जांच के घेरे में ये विधायक थे लेकिन तब मामला ठंडा पड़ गया था।

अब नया मामला सामने आने के बाद गोपनीय जांच शुरू हो गई है। नामी-बेनामी संपत्तियों का पता लगाने के लिए कई टीमें पूछताछ करने के साथ ही दस्तावेज खंगाल रही हैं। करोड़ों का यह मामला इंनकम टैक्स को भी भेजे जाने की चर्चा है।

असल में उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज पुलिस ने माफियाओं के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर अतीक की 1800 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली। कई और माफियाओं की संपत्ति कुर्क हुई। इसी कड़ी में विधायक की नामी-बेनमी संपत्तियों का ब्योरा खंगाला जाने लगा है।

दस साल पहले अतीक गैंग की सूची में था नाम जांच के घेरे में आए ये विधायक का नाम माफिया अतीक की गैंग सूची में 10 साल पहले था। सूची एक या दो साल के बाद अपडेट होती रहती है, ऐसे में विधायक ने जोड़तोड़ कर अपना नाम तो सूची से बाहर करा लिया था। हालांकि अतीक और उसके गैंग मेंबरों के साथ प्राॅपर्टी का काम लंबे वक्त तक चलता रहा।

प्रयागराज की कई हाउसिंग स्कीम में अतीक के साथ विधायक का नाम जुड़ता रहा है।
उपरहार, रसूलपुर काशीपुर, मरियाडीह सरकारी जमीन पर जांच.
असल में प्रशासन को भेजे गए दस्तावेजों में शिकायत हुई है कि उपरहार सदर, रसूलपुर मरियाडीह, मौजा रसूलपुर काशीपुर की पांच आराजी बंजर भूमि में शुमार है। इसी के आसपास की आराजी की जमीन किसान के मार्फत लेकर खेल किया गया। अगल बगल की जमीनों के जरिए बीच की करोड़ों की सरकारी जमीन अपने हिस्से लपेट ली गई।

अतीक के साथ फोटो, वीडियो होता रहा है वायरल
जांच के घेरे में आए विधायक की फोटो, वीडियो माफिया अतीक साथ वायरल होती रहीं हैं। कई बार जमीन के मामलों को लेकर पुलिस तक विधायक की शिकायत भी पहुंची लेकिन राजनीतिक संरक्षण और दबाव की वजह से मामला दबता गया।

विधायक के साथी कई बिल्डर गए हैं जेल मामला यही तक सीमित नहीं रहा,आपरेशन माफिया के दौरान विधायक के कई करीबी बिल्डर, साथ काम करने वाले प्राॅपर्टी डीलर और करीबी जेल तक गए हैं,उनसे पूछताछ में भी पुलिस को काफी जानकारी मिली है,इसी के बाद गोपनीय जांच आगे बढ़ गई है कई अहम दस्तावेज, साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे हैं।

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