मंत्री नन्दी ने तोड़ा बंगला नंबर 6 कालीदास मार्ग का मिथक

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कहा जाता था कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं पहुंच पाता

6 कालीदास मार्ग पर रहने से डरते थे मंत्रीगण

लखनऊ के कालीदास मार्ग पर कई बंगले हैं, जिनमें मंत्रीगण और 5 कालीदास मार्ग पर उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी रहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जी के बगल वाले बंगला नंबर 6 को भूतहा कहा जाता था। जिसमें रहने से मंत्रियों को डर लगता था, उस बंगले में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी न सिर्फ 5 साल का कार्यकाल बिताया, बल्कि एक बार फिर चुनाव जीत कर विधायक बने हैं, और योगी सरकार में दुबारा मंत्री बनने जा रहे हैं।

कहा जाता है कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं पहुंच पाता.
जानकारी के मुताबिक, जो भी बड़े और दिग्गज चेहरे इस बंगले में रहे, उनका राजनीतिक ग्राफ गिरता चला गया. चाहे वह अमर सिंह हों, आशु मलिक हों, चाहे वकार अहमद शाह… तमाम ऐसे नेता हैं जो जीत के बाद यहां रहने आए, लेकिन समय के साथ उनका ग्राफ ऊपर जाने की जगह जमीन की ओर बढ़ने लगा.

कई सालों से राजनीति के एक मिथक के चलते सीएम आवास के बगल वाले बंगला नंबर-6 में कोई रहना नहीं चाहता था. वजह साफ थी. इस बंगले को दशकों से ‘अशुभ’ कहा जाता है. लेकिन, इस बार के चुनावों में कई मिथकों के साथ-साथ यह मिथक भी टूट गया है…

नंद गोपाल नंदी दोबारा जीते चुनाव
दरअसल, इस बंगले में रहने वाले कबीना मंत्री नंद गोपाल नंदी ने दोबारा जीत का परचम लहराया है. इस बंगले की पूरी कहानी आज हम आपको बताते हैं…

बंगले में रहने वाले नेताओं का गिरा ग्राफ
कहा जाता है कि इस बंगले में रहने वाला कोई भी विधायक दोबारा विधानसभा में नहीं पहुंच पाता. जानकारी के मुताबिक, जो भी बड़े और दिग्गज चेहरे इस बंगले में रहे, उनका राजनीतिक ग्राफ गिरता चला गया. चाहे वह अमर सिंह हों, आशु मलिक हों या वकार अहमद शाह… तमाम ऐसे नेता हैं जो जीत के बाद यहां रहने आए, लेकिन समय के साथ उनका ग्राफ ऊपर जाने की जगह जमीन की ओर गिरने लगा. शायद यही वजह थी कि कोई भी इस बंगले में नहीं रहना चाहता था. 

नंद गोपाल नंदी की बदौलत टूटा मिथक
जब 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आई, तो यह बंगला नंद गोपाल नंदी को अलॉट किया गया. योगी के मंत्री नंदी ने कई सालों बाद इस मिथक को तोड़ दिया है और बंगले को ‘अशुभ’ से सामान्य की कैटेगरी में लेकर आ गए हैं.

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