अपील की सुनवाई नवंबर माह में, जुर्माने पर लगी रोक
कुछ मामलों में उम्रकैद की सजा के कारण रिहाई के आसार नहीं
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। हालांकि सजा के निलंबन मामले में अर्जी अस्वीकार कर दी है।
सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई नवंबर माह में होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने गाजीपुर की एमपी/एमएलए विशेष अदालत से हुई सजा के खिलाफ दाखिल मुख्तार अंसारी की अपील पर प्रस्तुत जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल शासकीय अधिवक्ता ए के सण्ड ने राज्य सरकार का पक्ष रखा।
मुख्तार अंसारी को एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। मुख्तार के अधिवक्ता का तर्क था कि याची 12 साल चार महीने से जेल में बंद है, जितनी सजा सुनाई गई है, वह उससे ज्यादा समय से जेल में बंद है। कोर्ट ने मामले में बांदा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट भी मांगी थी।
शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि अंसारी के फिलहाल जेल से बाहर आने की उम्मीद नहीं है।कुछ मामलों में मिली उम्र कैद की सजा भुगतनी होगी।अन्य मामलों में मिली सजा भी भुगतनी होगी।
कोर्ट ने कहा इस मामले में मिली सजा दस बर्ष से अधिक जेल में बिताने के कारण पूरी हो चुकी है।अब इस मामले में सजा भुगतनी नहीं होगी।सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई नवंबर माह में होगी।
इसी मामले में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। अफजाल अंसारी को चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी, इससे उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी।