आई फोन खरीदने के लिए बुजुर्ग का किया कत्ल,सुबूत मिटाने के लिए बिस्तर भी जला दिया,एक क्लू से पुलिस ने किया गिराफ्तार।
प्रयागराज की करेली पुलिस ने 18 साल के एक ऐसी हत्यारे को गिराफ्तार किया है जिसकी उम्र तो छोटी है लेकिन दिमांग किसी जेम्स बांड से कम नही ,इस शातिर हत्यारे ने हत्या के बाद काफी सफाई से सुबूत मिटाए थे लेकिन कहा जाता है की कातिल कोई न कोई सुराग ज़रूर छोड़ता है और इस आरोपी ने भी यही गलती की ,ACP पुष्कर वर्मा और उनकी टीम ने जांच पड़ताल की तो हत्या की पूरी गुत्थी सुलझ गई और आरोपी गिराफ्तार कर लिया गया,पकड़े गए लड़के ने ये कत्ल बुजुर्ग के बैंक में जमा पैसो के लिए किया था और यही पैसा खर्च करना उसके खिलाफ सुबूत बन गया और ये पकड़ा गया। शातिर हत्यारे ने हत्या के बाद मृतक की बेड में आग लगा दी थी और बिजली के तारों को कुछ इस तरह से सेट किया था की लगे करंट से मौत हुई है शुरुआती जांच में पुलिस को भी यही लगा ,लेकिन एक ips ऑफिसर ने जब बारीकी से पड़ताल की तो इस हत्या का राज़ और इसके पीछे की वजह सब सामने आ गयी।
प्रयागराज के करेली के रहने वाले चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव घर मे अकेले रहा करते थे बगल में पड़ोसी का लड़का आदित्य मौर्या से उनकी बनती थी एक दिन घर का AC काम नही कर रहा था तो चन्द्र प्रकाश ने आदित्य से सर्विस सेंटर को फोन करने को कहा तब आदित्य ने चन्द्र प्रकाश से कहा कि सर्विस सेंटर वाले ज़्यादा पैसा चार्ज करेंगे तभी बड़बोलेपन में चन्द्र प्रकाश ने आदित्य को अपनी बैंक पासबुक दिखाई और कहा मेरे पास पैसो की कमी नही है जितना कहा गया उतना करो उसके बाद आदित्य का दिमांग उसके बैंक में जमा पैसो पर लग गया उसके बाद से वो लगातार चन्द्र प्रकाश का पैसा हथियाने की जुगत करता रहता।
मौके की तलाश करते करते आदित्य ने चन्द्र प्रकाश का एटीएम चुरा लिया और उसका पिन नम्बर भी उसने पता कर लिया जब वो ATM से पैसा निकालता तो मैसेज चन्द्र प्रकाश के पास जाता ऐसे में आदित्य ने उसका मोबाइल चुराने का प्लान बनाया और रात के अंधेरे में वो चन्द्र प्रकाश के घर मे घुस गया आदित्य ने मोबाइल तो चुरा लिया लेकिन उसका पैर टेबल से टकरा गया गया जिससे टेबल गिरा और चन्द्र प्रकाश जाग गए उसने पीछे से आदित्य को पकड़ा लेकिन आदित्य ने दरवाजे को इतनी जोर से धक्का दिया कि दरवाजे के पल्ले से चन्द्र प्रकाश के सिर पर गहरी चोट लगी और वो गिर गए , दूसरे दिन आदित्य ने देखा की कोई शोर नही और कोई खबर नही तो वो फिर से चन्द्र प्रकाश के घर पहुँचा और देखा तो चन्द्र प्रकाश मृत पड़े थे इस पर शातिर दिमांग आदित्य ने इस वारदात को हादसे का रूप देने का मन बनाया।
आदित्य ने पहले ज़मीन पर पड़े शव को बिस्तर पर रखा उसके बाद बिजली के तारों को बेड पर फैला कर बेड में आग लगा दी आग से पूरा बेड जल गया और चन्द्र प्रकाश की बॉडी भी थोड़ी जल गई ,सूचना पर पुलिस पहुँची और जांच पड़ताल की फौरी तौर पर जांच से पुलिस को यही लगा कि मामला चोरी का होगा । लेकिन IPS पुष्कर वर्मा को थोड़ा शक हुआ तो उन्होंने चन्द्र प्रकाश के बैंक एकाउंट और मोबाइल की DETAIL निकलवाई ,बैंक DETAIL से पता चला की चन्द्र प्रकाश के ATM से आई फोन और महंगे ईयर बर्ड खरीदे गए है। वो भी चन्द्र प्रकाश की मौत के बाद बस यहीं से IPS पुष्कर वर्मा को वारदात का खुलासा करने में बड़ी लीड मिली और उन्होंने जांच आगे बढ़ाते हुए उस दुकानदार का पता कर लिया जिससे आई फोन आदित्य ने खरीदा था, पुलिस ने CCTV खंगाला तो सब साफ हो गया ,क्योंकि आदित्य पैसो से कमज़ोर था और आई फोन वो नही खरीद सकता था ,पुलिस ने आदित्य को हिरासत में लेकर पूछ ताछ की तो हत्या की बात उसने कबूल कर ली ,उसने बताया की चन्द्र प्रकाश ने अपने पैसो के बारे में उसे बताया था और चन्द्र प्रकाश के ATM से वो लगातार पैसा निकाल रहा था, और ये हत्या उससे अनजाने में हुई है ,पुलिस उस तक न पहुँचे इसलिए उसने बेड पर आग लगा दी थी ताकि पुलिस को लगे कि ये मौत करंट लगने से हुई है। ACP अतरसुईया पुष्कर वर्मा ने बताया की चन्द्र प्रकाश और आदित्य में काफी अच्छे सम्बन्ध थे जिसकी वजह से उसने ATM और उसका PIN नम्बर उसने हासिल कर लिया था मोबाइल पर मैसेज से पैसो की बात पता चल जाती इसलिए उसने मोबाइल चुरा कर उसका सिम यूज़ किया था जबकि मोबाइल फेंक दिया,इन्ही सुबूतों के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और हत्यारे को गिराफ्तार कर लिया ,ACP के मुताबिक आरोपी आदित्य ओवर कांफिडेंस में था इसीलिए कहीं भगा भी नही।