बिलकिस बानो केस में दोषियो की रिहाई रद्द.
बिलकिस बानो के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और दोषियों को वापस जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने दोषियों को दो हफ्ते में सरेंडर करने को कहा है.
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने आज इस मामले में फैसला सुनाया और 11 दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाते हुए बिलकिस बानो से बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के मामले में बिना सोचे समझे दोषियों की सजा माफ करने के लिए गुजरात सरकार को फटकार लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की सजा माफी के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि गुजरात सरकार फैसला लेने के लिए उचित सरकार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की सजा माफी पर दूसरी पीठ के 13 मई, 2022 के आदेश पर कहा कि यह ‘अदालत को गुमराह’ करके हासिल किया गया.
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने कहा कि एक दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में केस के तथ्य छिपाए. इस तरह अदालत के साथ धोखा किया गया है. दोषी ने सुप्रीम कोर्ट से 2022 का आदेश धोखे से लिया है.
जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि 13 मई, 2022 का फैसला भी “प्रति इंक्यूरियम” (कानून की दृष्टि से खराब) है. क्योंकि इसने छूट के लिए उपयुक्त सरकार के संबंध में श्रीहरन में संविधान पीठ के फैसले सहित बाध्यकारी मिसालों का पालन करने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात के पास छूट का फैसला करने की शक्ति है. 1992 की छूट नीति, जो हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के लिए छूट की अनुमति देती है, लागू है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के शासन का पालन किए बिना न्याय नहीं किया जा सकता. न्याय में सिर्फ दोषियों के ही नहीं बल्कि पीड़ितों के भी अधिकार शामिल हैं. कानून का शासन कायम रहना चाहिए.
बता दें घटना के वक्त बिनकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं. बानो से गोधरा ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था. दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.
गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को सजा में छूट दे दी थी और उन्हें रिहा कर दिया था