प्रयागराज माफिया अतीक अहमद के करीबी और बाद में उस पर केस दर्ज कराने वाले जैद खालिद पर पुलिस ने गोपनीय तरीके से कार्रवाई की। बेहद गुपचुप तरीके से उसकी हिस्ट्रीशीट खोली और मामले को दबाए रखा।
छह महीने बाद जब संबंधित फाइल थाने पहुंची तो इसका खुलासा हुआ और अब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल इस संबंध में पुलिस अफसर कुछ खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं।
मरियाडीह का जैद खालिद कभी अतीक अहमद का करीबी रहा। उसके साथ मुकदमों में नामजद भी हुआ। जमीन पर कब्जे और अवैध प्लाटिंग के आरोप में भी उस पर केस दर्ज हुए। 2019 में उसका नाम तब चर्चा में आया जब उसने अतीक पर केस दर्ज कराया। आरोप लगाया कि अतीक ने अपने गुर्गों से अगवा कर उसे देवरिया जेल बुलवाया और फिर जमकर पीटा। इसके बाद उसे सुरक्षा भी दी गई।
पिछले साल जुलाई में बेहद ही गोपनीय तरीकेसे उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अन्य अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने पर प्रेस नोट जारी करने वाली जिला पुलिस ने यह मामला दबाए रखा। करीब छह महीने बीतने के बाद अब जब इस कार्रवाई से संबंधित फाइल थाने पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद से बेहद गोपनीय ढंग से हुई कार्रवाई और फाइल छह महीने तब दबाए रखने का मामला चर्चा का विषय बन गया है।
छह महीने से अटकी जिला बदर की कार्रवाई।
जैद खालिद के खिलाफ चार जुलाई 2021 को पूरामुफ्ती पुलिस ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। इसके तहत ही जिला बदर किए जाने से संबंधित रिपोर्ट भी जिला प्रशासन को भेजी गई। लेकिन लंबे समय से अनुमति के फेर में कार्रवाई अटकी हुई है।
दर्ज हैं 10 केस, शूटर का रिश्तेदार
जैद खालिद पर कुल 10 केस दर्ज हैं। इसमें सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के साथ ही लोकसेवक पर हमला समेत अन्य आरोप शामिल हैं। अतीक अहमद के लिए अवैध प्लाटिंग करने के आरोप में भी उस पर केस दर्ज है। अतीक के सबसे खास शूटर आबिद प्रधान का वह रिश्तेदार भी है।
अहमद सिटी के नाम से की थी अतीक के लिए प्लाटिंग
हाईकोर्ट के अधिवक्ता मो. उमर से 27 लाख हड़पने के आरोपी नूर हमजा ने करेली में अहमद सिटी के नाम से माफिया अतीक अहमद के लिए प्लाटिंग की थी। 2018 में अभियान चलाकर प्लाटिंग ध्वस्त करने के साथ ही प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उस पर केस दर्ज कराया था। जिसमें उसके खिलाफ चार्जशीट भी लग गई। लेकिन इसके बावजूद जमीन के नाम पर उसका खेल जारी रहा। फिलहाल करेली पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
मरियाडीह निवासी नूर हमजा के खिलाफ चार दिन पहले 27 लाख की धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। हाईकोर्ट के अधिवक्ता मो. उमर का आरोप है कि नूर हमजा ने जमीन के नाम पर उससे 2016 में 27 लाख रुपये लिए लेकिन जमीन नहीं दी। रुपये वापस मांगने पर वह जान से मारने की धमकी दे रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने अहमद सिटी के नाम से करेली में अतीक के लिए अवैध प्लाटिंग की थी।
2018 में सैकड़ों बीघे में बसाई जा रही टाउनशिप को ढहाने के बाद पीडीए की ओर से उसके साथ ही आठ लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में उसके साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। इसके बावजूद उसका खेल जारी रहा। भुक्तभोगी अधिवक्ता का आरोप है कि उन्होंने कुछ रकम खाते में जबकि शेष का भुगतान नकद में किया। करेली एसओ अनुराग शर्मा ने बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है।